Independence Day 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर दिल्ली के लाल किले से लगातार 11वीं झंडा फहराने के बाद देश को संबोधित किया। इस बार के स्वतंत्रता दिवस का थीम ‘विकसित भारत – 2047’ रहा। इस मौके पर पीएम मोदी ने अपनी सरकार द्वारा किए जा रहे कामों का जिक्र करते हुए उपबल्धियां गिनाईं, तो दूसरी ओर साल 2047 तक के लिए देश के विकास का रोड मैप भी रखा। पीएम मोदी ने बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति से लेकर पश्चिम बंगाल में महिला सुरक्षा और देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड की जरूरतों समेत कई मुद्दों जिक्र किया।

स्वतंत्रता दिवस के भाषण में पीएम मोदी ने एक बार फिर भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही और देशवासियों को विश्वास में लेने की बात कहते बोले कि वे इस प्रकार के लोगों के खिलाफ आक्रामक ही रहेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचारियों से दूरी बनाना सही होता है, उसका महिमामंडन नहीं होना चाहिए।

बांग्लादेश में जारी हिंसा किया उल्लेख

इसके अलावा पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बांग्लादेश में जारी हिंसा और हिंदुओं की स्थिति को लेकर भी बयान दिया। पीएम मोदी ने कहा कि एक पड़ोसी देश के तौर पर बांग्लादेश में जो कुछ भी हुआ है, मैं उससे जुड़ी चिंता को समझ सकता हूं। मुझे उम्मीद है कि वहां स्थिति जल्द से जल्द सामान्य हो जाएगी। 140 करोड़ देशवासियों की चिंता वहां हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। पढ़ें पूरी खबर..

लालकिले से उठाया UCC का मुद्दा

अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड की चर्चा चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने भी यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर चर्चा की है। अनेक बार आदेश दिए हैं। क्योंकि देश का एक बहुत बड़ा वर्ग मानता है कि जिस सिविल कोड को लेकर हम जी रहे हैं, वो सिविल कोड सचमुच में एक कम्युनल और भेदभाव करने वाला सिविल कोड है। अब हमें सेकुलर सिविल कोड की तरफ जाना होग।

पीएम मोदी का कहना था कि हमारे संविधान की भावना कहती है कि इस विषय पर देश में गंभीर चर्चा हो, जो कानून धर्म के आधार पर देश को बांटते हैं। ऐसे कानूनी आधुनिक समाज नहीं बनाते। देश के संविधान निर्माताओं का भी ये सपना था. जो कानून धर्म के आधार पर देश को बांटते हैं, जो ऊंच-नीच का कारण बनते हैं, वैसे कानूनों के लिए देश में कोई जगह नहीं हो सकती> देश में 75 सालों से कम्युनल सिविल कोड है। पढ़ें पूरी खबर…

महिला सुरक्षा का उठाया मुद्दा

बता दें कि कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या को लेकर पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। वहीं इस मुद्दे का जिक्र किए बिना ही वहां तक पीएम मोदी ने अपना संदेश भेज दिया। पीएम मोदी महिला सुरक्षा का उल्लेख करते हुए कहा कि मैं आज लाल किले से एक बार फिर अपनी पीड़ा व्यक्त करना चाहता हूं। एक समाज के तौर पर हमें महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के बारे में गंभीरता से सोचना होगा। देश में इसके खिलाफ आक्रोश है। मैं इस आक्रोश को महसूस कर सकता हूं।

पीएम मोदी ने कहा कि देश, समाज और राज्य सरकारों को इसे गंभीरता से लेना होगा। महिलाओं के खिलाफ अपराधों की त्वरित जांच हो, इन राक्षसी कृत्यों को अंजाम देने वालों को जल्द से जल्द सख्त सजा मिले। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब ऐसे राक्षसी प्रवृत्ति वाले व्यक्ति को दंडित किया जाता है तो यह समाचारों में नहीं दिखता, बल्कि एक कोने तक सीमित रहता है।

युवाओं से की राजनीति में आने की अपील

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने परिवारवाद या वंशवाद को लेकर भी बड़ी बात कही। उन्होंने देश के एक लाख युवाओं से राजनीति में आने की बात कही। पीएम मोदी ने कहा कि ये एक लाख युवा ऐसे परिवारों से आएं जिनका राजनीति से कोई संबंध न रहा हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे एक लाख लोग, फ्रेश ब्लड चाहे ग्राम पंचायत में आएं, नगर पालिका में आएं, जिला परिषदों में आएं, चाहे विधानसभाओं में आएं या लोकसभा में आएं। इससे पहले उनके परिवार का कोई राजनीतिक इतिहास न हो, ऐसे फ्रेश लोग राजनीति में आएं। पढ़ें पूरी खबर...

UCC को लेकर कांग्रेस ने PM मोदी को घेरा

दूसरी ओर पीएम मोदी द्वारा UCC को लेकर दिए गए बयान पर देश में आज सियासी वार-पलटवार देखने को मिला है। इस बयान पर विपक्ष ने आक्रामक रुख अपनाया है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा है कि पीएम मोदी ने बाबा साहेब आंबेडकर के सिविल कोड को कम्युनल कोड बोला है। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद की प्रतिक्रिया भी संविधान के इर्द-गिर्द ही है। उन्होंने कहा है कि संविधान सबसे बड़ा है। संविधान जो अनुमति देगा, वही तो होगा।

वहीं कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने कहा कि पीएम का मकसद होता है कि इलेक्शन का भाषण दे दें बस। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा है कि स्वतंत्रता दिवस पर इस तरह के बयानों पर टिप्पणी करना नहीं चाहता। प्रधानमंत्री इस तरह के बयान देने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने कहा कि आज के दिन हम कोई विवाद खड़ा नहीं करना चाहते। आज हम उत्सव मना रहे है, उन शहीदों को नमन कर रहे हैं जिन्होंने हमें आजादी दी।

RJD नेता ने PM मोदी पर लगाए आरोप

इसके अलावा राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि प्रधानमंत्री विवादित मुद्दों को हवा दे रहे हैं। ऐसे मुद्दों को उठा रहे हैं, जो धर्म के आधार पर नफरत फैलाते हों। उन्होंने कहा कि देश में इस पर कई बार चर्चा हो चुकी है। विधि आयोग की रिपोर्ट को खारिज करके प्रधानमंत्री विवाद उत्पन्न करना चाहते हैं, जिससे देश में समुदाय विशेष के खिलाफ नफरत में विस्तार हो।

राहुल गांधी के बैठने को लेकर भी हुआ विवाद

बता दें कि आज लाल किले पर हुए स्वतंत्रता दिवस समारोह में पहुंचे नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की सीट को लेकर भी विवाद हुआ। वह ओलंपिक खिलाड़ियों के पीछे पांचवी पंक्ति में बैठे नजर आए थे। इसको लेकर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्रालय पर निशाना साधा और कहा है कि विपक्ष के नेता को इस तरह जानबूझ कर पीछे बैठाया गया, यह देश का अपमान है। वहीं कांग्रेस सांसद और महासचिव के सी वेणुगोपाल ने पीएम की आलोचना की। दूसरी ओर रक्षा मंत्रालय के अनुसार यह कहा गया कि राहुल गांधी को प्रोटोकॉल के तहत पीछे बिठाया गया था। पढ़ें पूरी खबर…

राहुल गांधी के पीछे बैठने को लेकर मचे विवाद पर सूत्र बताते हैं कि रक्षा मंत्रालय ने क्लेरिफिकेशन भी दिया। इसमें कहा गया था कि सभी व्यवस्थाएं प्रोटोकॉल के अनुसार की गईं थीं क्योंकि पेरिस ओलंपिक के पदक विजेताओं को स्वतंत्रता दिवस समारोह में विशेष अतिथि के रूप में सम्मानित किया जाना था। इसलिए राहुल गांधी की सीट पांचवी कतार में थी।