महाराष्ट्र, केरल, मध्य प्रदेश व पंजाब सहित देश में कई जगहों पर कोरोना संक्रमण के मामलों में आई तेजी के बीच पाबंदियों का दौर एक बार फिर शुरू होने की आशंकाएं गहरा गई हैं। शुक्रवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार, एक दिन में कोरोना के 81 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की कुल संख्या 1,23,03,131 हो गई। संक्रमण पर काबू पाने के लिए महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ ने पाबंदियों का सिलसिला शुरू भी कर दिया है।

मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के चार शहरों में पूर्णबंदी का फैसला किया है। आधिकारिक तौर पर बताया गया कि छिंदवाड़ा और रतलाम में एक अप्रैल को रात दस बजे से पांच अप्रैल की शाम छह बजे तक और बैतूल में दो अप्रैल की रात दस बजे से पांच अप्रैल की शाम छह बजे तक, खरगौन में दो अप्रैल की रात आठ बजे से पांच अप्रैल की शाम छह बजे तक पूर्णबंदी रहेगी। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को यहां बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों का एक दल भोपाल से उन चार शहरों में भेजा गया है, जहां कोरोना वायरस का संक्रमण अधिक फैल रहा है। चौहान ने कहा कि महाराष्ट्र के सीमावर्ती जिले छिंदवाड़ा में मरीजों की अधिक संख्या को देखते हुए संक्रमण के प्रभावी नियंत्रण के लिए तीन दिन की पूर्णबंदी लगाई गई है। इसके अलावा प्रदेश में रविवार की पूर्णबंदी जिन शहरों में पूर्व में रही है वहां यथावत रहेगी।

महाराष्ट्र के पुणे में कड़ी पाबंदियों के तहत तीन अप्रैल से सात दिन के लिए रेस्तरां, बार और भोजनालय बंद रहेंगे। साथ ही मॉल, सिनेमा हॉल, और धार्मिक स्थल भी नहीं खुलेंगे। जिले में शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू रहेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि इसके अलावा पुणे महानगर परिवहन महामंडल लिमिटेड (पीएमपीएमएल) और शहर की सार्वजनिक परिवहन तंत्र की बसें अगले सात दिन तक नहीं चलेंगी। स्कूल और कॉलेज 30 अप्रैल तक बंद रहेंगे। केवल 10वीं व 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों और एपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे प्रत्याशियों को नियमित शैक्षणिक गतिविधि जारी रखने की अनुमति होगी।

उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में शुक्रवार को समीक्षा बैठक के दौरान इन पाबंदियों को लगाने के बारे में निर्णय किया गया। जिले में विवाह समारोह और अंतिम संस्कार को छोड़ कर किसी भी प्रकार की जनसभा पर पाबंदी रहेगी। विवाह समारोह में केवल 50 लोगों के और अंतिम संस्कार में केवल 20 लोगों के शामिल होने की मंजूरी है।

सात दिन बाद स्थिति की समीक्षा की जाएगी और उसके बाद ही कोई निर्णय किया जाएगा। अस्पताल में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। बैठक में शामिल पुणे से भाजपा के लोकसभा सदस्य गिरिश बापट ने पीएमपीएमएल बस सेवा को रोकने और शाम छह बजे से कर्फ्यू लगाने के फैसले का विरोध किया।

कर्नाटक में महामारी पर नियंत्रण पाने के लिए प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में बोर्डिंग व आवासीय छात्रावासों को बंद करने और 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए वैकल्पिक उपस्थिति की व्यवस्था करने संबंधी निर्णय किए हैं। सरकार ने जिमखाना, पार्टी सभागार, क्लब और तरणताल को बंद करने के आदेश दिए हैं। वहीं बसों में सीटों की संख्या से ज्यादा लोगों के सवार होने पर भी रोक लगा दी गई। कर्नाटक के मुख्य सचिव पी रवि कुमार ने यह आदेश जारी किया है।

कक्षा छठी से नौवीं तक व्यक्तिगत तौर पर शामिल होने वाली कक्षाओं को निलंबित करने के साथ ही कुमार ने अपने आदेश में कहा कि 10वीं, 11वीं, 12वीं की कक्षाएं मौजूदा व्यवस्था में जारी रहेंगी। हालांकि इन कक्षाओं में जाकर व्यक्तिगत तौर पर शामिल होना अनिवार्य नहीं है। उच्च व पेशेवर पाठ्यक्रमों की कक्षाओं को भी निलंबित कर दिया गया है। इससे बाहर सिर्फ उन्हीं कक्षाओं को रखा गया है, जिनकी बोर्ड या विश्वविद्यालय परीक्षा होनी है। वहीं स्वास्थ्य विज्ञान की कक्षाओं को भी अलग रखा गया है। वहीं रैली और धरनों को भी प्रतिबंधित किया गया है।

सरकार ने कंपनियों से जहां तक संभव हो सके अपने कर्मचारियों को घर से ही काम करने की सुविधा देने के लिए कहा है। वहीं बेंगलुरु, मैसुरु, कलबुर्गी, दक्षिण कन्नड, उडुपी, बीदर और धारवाड़ के सिनेमाघरों को सिर्फ 50 फीसदी क्षमता के साथ ही संचालन के आदेश दिए गए हैं।

वहीं इन जिलों में पब, मॉल, बार, क्लब और रेस्त्रां में भी सिर्फ 50 फीसद क्षमता के साथ ही उपस्थिति रखने को कहा गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, एक दिन में कोरोना के 81,466 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की कुल संख्या 1,23,03,131 हो गई। पिछले छह महीने में सामने आए ये सर्वाधिक नए मामले हैं। आंकड़ों के अनुसार, दो अक्तूबर 2020 को एक दिन में संक्रमण के 81,484 नए मामले सामने आए थे।
छत्तीसगढ़ में दुर्ग जिला प्रशासन ने जिले में छह अप्रैल से 14 अप्रैल तक पूर्णबंदी लगाने का फैसला किया है। दुर्ग जिले में गुरुवार तक 40,068 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि की गई है।