प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना के कार्यान्वयन में खामियों को देखते हुए उत्तर प्रदेश के लाभार्थियों के एक बड़े वर्ग को निराशा हाथ लग सकती है। पात्र किसानों को प्रति वर्ष 6,000 रुपये देने की गारंटी वाली इस योजना की चौथी किश्त के भुगतान पर संकट मंडराने लगा है। दरअसल, पोर्टल पर डाटा एंट्री में विसंगतियों को देखते हुए तकरीबन 1.3 करोड़ किसानों को चौथे किस्त की भुगतान नहीं की जाएगी।

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी ने सभी जिलाधिकारियों (DM) को पत्र लिखकर 30 नवंबर तक आंकड़ों को दुरूस्त करने का निर्देश दिया है। ताकि, 1 दिसबर से पात्र किसानों को उनके लाभ का राशि आवंटित की जा सके। पत्र में दी गई जानकारी के मुताबिक यूपी में 1.11 करोड़ किसानों की जानकारी केंद्र को पोर्टल पर अपलोड की गई है। जानकारी के मुताबिक पोर्टल पर लिखे नाम किसानों के आधार कार्ड में दर्ज नामों से मेल नहीं खा रहे हैं। लिहाजा, यदि इस विसंगति को दुरूस्त कर लिया जाता है, तब किसानों को 2000 रुपये की चौथी किस्त मिल जाएगी।

पत्र में आगे बताया गया है कि कम से कम 20 लाख किसानों के बैंक खाते का विवरण गलत था और बाद में सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (PFMC) द्वारा अस्वीकार कर दिया गया। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य में इस योजना का सही से कार्यान्वयन नहीं होने पर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने नाराजगी जाहिर की है। इस बाबत सभी जिलाधिकारियों इस महीने के आखिर तक त्रुटियों को ठीक करने के लिए कह दिया गया है।

गौरतलब है कि PM-KISAN योजना की घोषणा पूर्व वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने इस साल फरवरी में की थी। योजना के तहत सभी छोटे और सीमांत किसान न्यूनतम आय वाली सहायता के रूप में तीन किस्तों में हर साल 6,000 रुपये पाने के पात्र हैं। इस योजना को पीएम मोदी ने गोरखपुर में लोकसभा चुनाव से पहले 1 करोड़ से अधिक किसानों को 2,000 रुपये की पहली किस्त के रूप में हस्तांतरित किया था।