रिपब्लिक भारत चैनल पर ‘नंदीग्राम में किसका ‘खेला होबे” के मुद्दे पर जारी डिबेट में बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि एक समय था जब ममता बनर्जी बंगाल के हर चौराहे पर नमाज पढ़ा करती थी। आज वो मां दुर्गा को याद कर रही हैं। यही हमारी जीत है। ये वही ममता बनर्जी है जो दुर्गा पूजा में विसर्जन को रोकना चाहती थी। इनकी हालत कितनी बदल गयी! ममता बनर्जी अब भारत की संस्कृति को मानने लगी हैं।

संबित पात्रा से एंकर ने कहा था कि ममता बनर्जी पूरे फॉर्म में दिख रही है, बीजेपी को उन्होंने चुनौती दिया है। कहा है कि अब खेला शुरू हुआ है, खेलों मेरे साथ खेल! जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि ये वही ममता बनर्जी है जिन्हें दुर्गा पूजा के विसर्जन को रोकने के लिए कोर्ट से फटकार लगी थी। कोर्ट से फटकार लगने के बाद उन्होंने जुलूस को निकलने दिया था। वही ममता बनर्जी आज चंडी पाठ कर रही है। जो ममता बनर्जी जय श्रीराम के नारे को सुन नहीं सकती थी वो आज कृष्ण चैतन्य का गीत गा रही है।

पहले हर नुक्कड़ पर हर चौराहे पर ममता बनर्जी नमाज पढ़ती हुई नजर आती थी। आज वो भगवान कृष्ण को याद कर रही है। मां दुर्गा को याद कर रही है। मुझे तो लगता है कि जीत हमारी हो चुकी है। आज अगर भारत की संस्कृति को ममता बनर्जी अपनाने के लिए तैयार है तो इससे बड़ी हमारी जीत क्यो हो सकती है?

संबित पात्रा ने कहा कि याद करिए जो राहुल गांधी कहते थे कि हां हम मुसलमानों की पार्टी हैं वहीं राहुल गांधी जो हिंदू आतंकवादी सिद्ध करना चाहते थे। वही राहुल गांधी मध्यप्रदेश और अन्य चुनावों में मंदिर-मदिर जाने लगे थे। ममता बनर्जी भी ठीक उसी प्रकार की राजनीति कर रही है।

संबित पात्रा ने कहा कि ममता बनर्जी के दिल में क्या है यह कुछ ही देर बाद पता चल गया तुरंत उन्होंने मजार में जाकर चादर चढ़ाया। मजार मे चादर चढ़ाना गलत नहीं है लेकिन जिस तरह से ममता बनर्जी तुष्टिकारण की राजनीति करती है, वो गलत है। जवाब बंगाल की जनता उन्हों दे देगी।