नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली पिछले काफी समय से बेतुके बयान देकर भारत को भड़काने की कोशिश में जुटे हैं। ओली ने हाल ही में भगवान राम का जन्मस्थान नेपाल में बता दिया था। इसे लेकर भारत में आम लोगों के साथ कई हिंदूवादी संगठनों ने भी गुस्सा जताया। हालांकि, ओली के इस बयान का असर राजनयिक तौर पर पड़ने की जगह अब नेपाली नागरिकों पर असर डाल रहा है। ताजा मामला वाराणसी का है, जहां विश्व हिंदू सेना ने नेपाली युवक का मुंडन करवाया और उसके सिर पर जय श्रीराम का नारा भी लिखवा दिया।
पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में हुई इस घटना के पीछे विश्व हिंदू सेना के लोग बताए गए हैं। इन लोगों ने नेपाली युवक से भारत के समर्थन और नेपाल के पीएम ओली के विरोध में नारे भी लगवाए। संगठन ने युवक का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल किया है। वीडियो के वायरल होने के बाद अब पुलिस हरकत में आई है। विश्व हिंदू सेना के अध्यक्ष के साथ इस घटनाक्रम में शामिल लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस फिलहाल आरोपियों की गिरफ्तारी में जुटी है।
बता दें कि नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली पहले सीमा विवाद पर टिप्पणी कर भारत से टकराव को बढ़ावा देने की कोशिशें कर चुके हैं। हाल ही में उनकी सरकार ने भारत के तीन क्षेत्रों को नेपाल में दिखाता हुआ एक नक्शा भी संसद में पास कराया, जबकि भारत ने उनसे इस मुद्दे को बातचीत के जरिए सुलझाने के लिए कहा था। इसके बावजूद ओली ने भारत की बात को नजरअंदाज कर दिया था। इसके बाद ही ओली ने भारत से आए कोरोनावायरस को चीन के वायरस से ज्यादा खतरनाक बताया था, जिसे लेकर भारत में रोष पैदा हुआ था।
क्या है ताजा विवाद?
ओली ने इसी हफ्ते दावा किया कि वास्तविक अयोध्या नेपाल में है, भारत में नहीं। उन्होंने कहा कि भगवान राम का जन्म दक्षिणी नेपाल के थोरी में हुआ था। ओली के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने विरोध दर्ज कराया था, जिसके बाद नेपाल के विदेश मंत्रालय ने पीएम के बयान पर सफाई जारी की थी। इसमें कहा गया था कि ओली के बयान का इरादा किसी की भावना को ठेस पहुंचाने का नहीं था। बयान का उद्देश्य अयोध्या के महत्व और सांस्कृतिक मूल्य को कम करना बिल्कुल नहीं था। श्री राम और उनसे जुड़े स्थानों को लेकर कई तरह के मिथ और संदर्भ हैं। पीएम और अधिक अध्ययन और शोध के महत्व को रेखांकित कर रहे थे।