राष्‍ट्रपति के अभिभाषण पर धन्‍यवाद प्रस्‍ताव पर चर्चा के तहत बुधवार (2 मार्च) को लोकसभा में राहुल गांधी ने भाषण दिया। उन्‍होंने नरेंद्र मोदी सरकार और उनकी योजनाओं पर जम कर निशाना साधा। उनका पूरा भाषण ये है: 

कल मैं अरुण जेटली का भाषण सुन रहा था और हम यहां बैठे थे। उन्होंने एक नयी योजना अनाउंस की फेयर एंड लवली योजना। इस योजना में हिन्दुस्तान का कोई भी चोर अपने काले धन को सफ़ेद कर सकता है। कहीं से भी उसने चोरी की हो। कहीं से भी उसने भ्रष्टाचार से पैसा बनाया हो। जितना भी उसका ब्लैक मनी हो। अरुण जेटली ने यहाँ खुले हाउस में कहा कि मोदी जी की फेयर एंड लवली योजना आई है, काले पैसे को आप गोरा कर सकते हो। 2014 में मोदी जी ने भाषण दिया था मैं काले धन को खत्म कर दूंगा, मैं काले धन की लड़ाई जीतूंगा, जिसने भी काला धन कमाया है मैं उसको जेल के अन्दर डालूँगा। फेयर एंड लवली योजना में किसी को जेल नहीं मिलेगी, कोई अरेस्ट नहीं होगा, किसी से नहीं पूछा जायेगा। अरुण जेटली जी के पास जाइये टैक्स दीजिये और अपने पैसे को सफ़ेद कर लीजिये। क्या वायदा किया नरेन्द्र मोदी जी ने कि इकॉनमी बिलकुल डाउन जा रही है। इलेक्शन में कहा था दाल 70 रुपये की हो गयी है मैं आऊँगा तो दाम कम होगा। जो हमारी महिलाएं हैं , माताएं हैं, बहनें हैं उनके ऊपर जो कष्ट है वो मैं कम करूंगा। मोदी जी आये। 200 रुपये दाल आज मार्किट में मिलती है।

मैं आरएसएस का नहीं हूँ। मैं गलतियाँ करता हूँ। मैं आपका नहीं हूँ, मैं सब कुछ जानता नहीं हूँ, सब कुछ समझता नहीं हूँ।  मैं जनता से सुनता हूँ। उनकी बात समझने की कोशिश करता हूँ और फिर इस हाउस में बोलता हूँ। 130 डॉलर का दाम था आज 35 का हो गया। मगर उस पैसे का एक रुपया जनता को नहीं मिला। महिलाओं को नहीं मिला, बहनों को नहीं मिला। बड़े-बड़े उद्योगपतियों को दिया जा रहा है। मगर उनका जो कष्ट है, उनकी जो मुश्किलें हैं उनको कम नहीं किया जा रहा। प्रधानमंत्री जी ने वादा किया था रोजगार का। 2 करोड़ जॉब्स मैं हिन्दुस्तान के युवा को हर साल दूंगा। मेक इन इंडिया का बब्बर शेर तैयार किया। काले रंग का बब्बर शेर। उसके अन्दर देखो तो घडी जैसा चलता है। जहाँ देखो इन्टरनेट में देखो बब्बर शेर, टीवी में देखो बब्बर शेर, मोदी जी का भाषण सुनो बब्बर शेर। स्टेज जल जाता है और हम आपसे पूछते हैं बब्बर शेर दिखा दिया। हमें बताओ आपने कितने रोजगार हिन्दुस्तान के युवा को दिए? कितने रोजगार दिए?

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भाषण के लिए मैं आकड़े ढूढ़ रहा था। सिंधिया जी से मैंने पूछा कहीं आपको मालूम है हिन्दुस्तान में कितने रोजगार मिले एक साल में? किसी को नहीं मालूम, आंकड़ा किसी को नहीं मालूम. मैं मोदी जी से पूछना चाहता हूँ कि आपका भाषण होगा हिन्दुस्तान को बता देना आपने पिछले साल कितने लोगों को रोजगार दिया? मैं जाता हूँ भाषण करता हूँ लोगों से पूछता हूँ रोजगार मिला, मोदी जी ने रोजगार दिया सबके सब नहीं जवाब देते हैं, किसी ने नहीं दिया। प्रधानमन्त्री यहाँ खड़े होते हैं और कहते हैं कि मनरेगा जैसी बेकार योजना हमने कभी नहीं देखी. सावरकर योजना नहीं, महात्मा गाँधी योजना। उनकी बनाइये आप योजना। मोदी जी खड़े होते है और कहते हैं बेकार योजना है। ऐसी योजना मैंने कभी नहीं देखी। हिन्दुस्तान को बर्बाद कर दिया इन लोगों ने। मैं इस योजना को इसलिए नहीं हटाऊँगा क्यूंकि पूरे देश को मालूम होना चाहिए कि यूपीए ने क्या गलतियां की।

कल मैंने आँख बंद करी। मैंने सोचा चिदम्बरम जी हैं, मनरेगा की बात चल रही है, मनरेगा मैं हम पैसा डालेंगे, मनरेगा को हम ऐसे करेंगे, मनरेगा को हम वैसे करेंगे। अरुण जेटली जी मेरे पास आते हैं और कहते हैं मनरेगा से अच्छा स्कीम नहीं था। मैंने उनसे कहा अपने बॉस को क्यूं नहीं कहते, हमें क्यूं कह रहे, हिन्दुस्तान के प्रधानमन्त्री से क्यूं नहीं कहते? उन्होंने एक शब्द नहीं बोला। चुप हो गये। बड़े पावरफुल आदमी हैं नरेन्द्र मोदी जी। मैं जानता हूँ आप लोग डरते हैं। लेकिन आप लोगों को थोडा बोलना चाहिए उनके सामने। थोड़ा सा आपको बोलना चाहिए। अब क्या हुआ वायदों का जाल बिछाया मोदी जी ने मैं ये करूंगा मैं वो करूंगा और फिर सवाल उठने लगे।

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पहला सवाल रोहित वेमुला ने पूछा। मेरी क्या गलती है मैं दलित हूँ इसलिए मुझे क्यूं मारा जा रहा है, मुझे क्यूं कुचला जा रहा है, मुझे क्यूं दबाया जा रहा है? यही सवाल पूछा उसने क्या मेरे लिए हिन्दुस्तान में भविष्य नहीं होना चाहिए? मेरी माता जी गरीब हैं क्या मेरे लिए भविष्य नहीं होना चाहिए? और आप लोग क्या करते हो हिन्दुस्तान की सरकार की शक्ति उसके कंधों पर दबा देते हो। आपने उसको दबाया और बेचारे ने आत्महत्या कर ली। आपके मंत्री कहते हैं वो दलित था, नहीं था। सवाल ये नहीं है। सवाल ये है कि हिन्दुस्तान के एक युवा की जिंदगी को ऐसे खत्म क्यूं किया गया? सवाल यही है। नरेन्द्र मोदी जी ने ना उसकी माँ को फ़ोन लगाया, ना उसके बारे में बोला। उन्होंने एक शब्द भी नहीं उठाया। फिर जेएनयू में कन्हैया खड़ा होता है। 20 मिनट का भाषण देता है। मैंने भाषण सुना। 20 मिनट के भाषण में उसने एक भी शब्द हिन्दुस्तान के खिलाफ नहीं बोला। उसको आप अरेस्ट करते हो। अगर जेएनयू में किसी ने कुछ गलत कहा, अगर कानून के खिलाफ एक शब्द कहा आप उसको अरेस्ट करो, कारवाई करो। मगर आपने उनको खुला छोड़ रखा है। उनको आप बंद नहीं करते हो और जेएनयू पर सवाल उठाते हो।

जेएनयू क्या है ? 60% स्टूडेंट जेएनयू के दलित. ओबीसी, पिछड़ा, माइनोरिटी से आते हैं। आपके (भाजपा) और हमारे बीच में एक बात समझ लो कि आप लोग सब जानते हो और आप लोग कभी जिंदगी में गलती नहीं करते हो. हम लोग गलती करते हैं लोगों की सुनते हैं, हम लोग सब कुछ जानते नहीं हैं, हम सीखते हैं. ये फर्क है आपमें और हममे. एक तरफ गाँधी, दूसरे तरफ सावरकर। एक हिंसा का प्रयोग करता है, दूसरा अहिंसा का।

मैं एक बात समझा नहीं। मैंने सिर्फ एक बात कही। गांधी हमारे हैं, सावरकर आपके। क्या इसमें कोई गलत बात कही? क्या सावरकर आपके नहीं है? क्या आपने उनको उठाकर फेंक दिया? जवाब दीजिये। अगर आपने ये किया तो बहुत अच्छा किया। 40% जेएनयू स्टूडेंट के माता पिता की आमदनी 6000 रुपये से कम है। आप जेएनयू और रोहित वेमुला के पीछे क्यूं पड़े हैं। मैं आपको बताना चाहता हूँ। क्यूंकि वे गरीब, कमजोर, दलित, आदिवासी हैं और आप चाहते हो कि हिन्दुस्तान में गरीब और आदिवासी वर्ग आगे ना बढ़े, पीछे के पीछे रहे और ये हम नहीं होने देंगे। आप ना जेएनयू को कुचल पाओगे ना इस देश के गरीब लोगों को।

थोड़ा सा मैं अपने धर्म के बारे में भी बोलना चाहता हूँ। हमारे धर्म में कहां लिखा है कि अध्यापकों की पिटाई करनी चाहिए। आप मुझे दिखाइए कौन सी किताब में लिखा है कि कोर्ट में जेएनयू के अध्यापकों को, स्टूडेंट्स को मीडिया के सामने पीटा जाना चाहिए और मीडिया को भी मारा। मैं सवाल पूछना चाहता हूँ प्रधानमन्त्री जी से जब मीडिया को, अध्यापकों को , स्टूडेंट्स को मारा गया तो आपने एक शब्द क्यूं नहीं कहा?