अन्ना आंदोलन से निकलकर राजनीति में कदम रखने के बाद अरविंद केजरीवाल ने साल 2014 में भ्रष्ट नेताओं की एक लिस्ट जारी की थी, जिसमें मुलायम सिंह यादव का भी नाम था। आज करीब सात साल बाद उनकी पार्टी यूपी चुनाव से पहले मुलायम सिंह की पार्टी से गठजोड़ की राह पर आगे बढ़ रही है। 31 जनवरी 2014 को अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम ने सबसे भ्रष्ट नेताओं की सूची जारी की थी, जिसमें राहुल गांधी, कपिल सिब्बल, मुलायम सिंह, पी चिदंबरम और मायावती जैसे टॉप लीडर्स का नाम था। तब आम आदमी पार्टी ने अपने समर्थकों से आह्वान किया था कि 2014 के लोकसभा चुनावों में इन नेताओं को हराना है।

गठजोड़ के लिए अखिलेश यादव से मिले संजय सिंह: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार (24 नवंबर) को आम आदमी पार्टी (आप) उत्तर प्रदेश के प्रभारी और राज्‍यसभा सांसद संजय सिंह से 2022 के विधानसभा चुनावों के लिए ‘रणनीतिक चर्चा’ की। अखिलेश से मुलाकात के बाद संजय सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए साझा एजेंडे पर ‘रणनीतिक चर्चा’ की सपा के साथ गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि चर्चा अभी शुरू हुई है..अच्छी सार्थक चर्चा हुई है और हम आपको बाद में बताएंगे।

सोशल मीडिया पर दिखाई दी नाराजगी: संजय सिंह द्वारा गठबंधन का जिक्र करते ही सोशल मीडिया पर लोगों की नाराजगी सामने आने लगी। लोगों ने पूर्व में आप नेताओं द्वारा सपा प्रमुख पर की गई टिप्पणियों को याद दिलाया, साथ ही यह भी याद दिलाया कि वह राजनीति में सफाई के लिए आए थे। इतना ही नहीं लोगों ने मुलायम सिंह द्वारा अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का शक जताया था। कृष्ण (@KrishneyG) नाम के यूजर ने पुरानी खबर का स्क्रीन शॉट और लिंक साझा करते हुए लिखा कि केजरीवाल की सूची में नाम होने के कारण तिलमिलाए सपा प्रमुख ने कहा था किसी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के लिए जरूरी है अब जांच इस बात की होनी चाहिए कि खुद को ईमानदार कहने वाले केजरीवाल ने नौकरी क्यों छोड़ी, कहीं वह भ्रष्टाचार में तो लिप्त नहीं थे!

वहीं शिवम (@PoeticShivam) नाम के यूजर ने इस पर दुख जताते हुए कहा कि एक गलत को मिटाने के लिए दूसरे गलत के साथ होने में कोई बहादुरी नहीं है। आप को अपने सिद्धांतों से नहीं हटना चाहिए। सुमित कुमार द्विवेदी (@sumitkumardwive) ने लिखा कि राजनीति मे जन्म लिये थे तब तो सबके खिलाफ सबूत थे, अब अचानक उन्ही पर प्यार आने लगा है, क्या हुआ? पैसा देख कर सारी इमान्दारी छू मंतर हो गई क्या?

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि संजय सिंह ने पहले भी अखिलेश यादव से मुलाकात की थी लेकिन कहा था कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ेगी। सिंह मंगलवार को ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के मौके पर सपा महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव की किताब ”राजनीति के उस पार” के विमोचन पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की थी। कार्यक्रम में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव और अखिलेश भी मौजूद थे और मुलायम ने देश हित में भ्रष्टाचार और महंगाई के खिलाफ सभी से एकजुट होकर आगे आने का आह्वान किया था।