‘एक रैंक, एक पेंशन’ योजना को लागू करने में राजनीतिक नेतृत्व की असमर्थता को लेकर निराशा जताते हुए दस पूर्व सेना प्रमुखों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखा और कहा है कि निश्चित समयावधि के अंदर इस मुद्दे का जल्द समाधान होना चाहिए क्योंकि और देर करने से सशस्त्र बलों का मनोबल गिरेगा।

उन्होंने ओआरओपी को लागू करने की मांग के साथ जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पूर्व सैनिकों पर 14 अगस्त को दिल्ली पुलिस की कार्रवाई को लेकर पुलिस के खिलाफ भी तत्काल कार्रवाई की मांग की। आज यह पत्र सामने आया है और आज ही आंदोलन कर रहे दो पूर्व सैनिक आमरण अनशन पर बैठ गये हैं।

पत्र पर पूर्व थलसेना प्रमुखों वी एन शर्मा, शंकर रॉय चौधरी, एस पदमनाभन, एन सी विज, जे जे सिंह, दीपक कपूर और बिक्रम सिंह के हस्ताक्षर हैं। पत्र में इस बात पर खेद प्रकट करते हुए कहा गया है कि मोदी ने गणतंत्र दिवस पर लाल किले से दिये गये अपने भाषण में ओआरओपी को लागू करने की घोषणा नहीं करके पूर्व सैनिकों की उम्मीदें तोड़ दीं।

पत्र के अनुसार, ‘‘पहले हमने माननीय प्रधानमंत्री से संपर्क नहीं किया था और हमें समय समय पर हमारे वरिष्ठ राजनीतिक नेतृत्व की ओर से की गयी घोषणाओं पर पूरा भरोसा था। हमें यह भी आशा थी कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्र के सामने ओआरओपी को लागू करने की घोषणा की जाएगी। अफसोस है कि यह नहीं हुआ।’’

पत्र में पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल माधवेंद्र सिंह और वायु सेना के पूर्व प्रमुखों एन सी सूरी तथा एस पी त्यागी के भी हस्ताक्षर हैं।