अवैध प्रवासी भारतीयों का पहला जत्था अमेरिकी C-147 सैन्य विमान से भारत पहुंचा। इस प्लेन में 104 भारतीय सवार हैं। अमेरिका से निर्वासित भारतीय अप्रवासियों को लेकर यह सैन्य विमान बुधवार दोपहर अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा। विमान में 25 महिलाएं, 12 नाबालिग और 79 पुरुष शामिल हैं। निर्वासित भारतीय नागरिकों के अलावा, विमान में 11 चालक दल के सदस्य और 45 अमेरिकी अधिकारी सवार हैं। इस बीच कांग्रेस ने बुधवार को दावा किया कि अमेरिका से निकाले जा रहे भारतीयों को हथकड़ी लगाई गई और अपमानित किया गया।

मुख्य विपक्षी दल का यह बयान तब आया है जब अमेरिका ने भारतीय प्रवासियों को निर्वासित करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस पार्टी के मीडिया एवं प्रचार विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने कहा, “अमेरिका से निर्वासित किए जाने के दौरान भारतीयों को हथकड़ी लगाए जाने और अपमानित किए जाने की तस्वीरें देखकर एक भारतीय होने के नाते मुझे दुख होता है।”

कांग्रेस ने लगाया भारतीय प्रवासियों से बदसलूकी का आरोप

खेड़ा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “मुझे याद है कि दिसंबर 2013 में अमेरिका में भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े को हथकड़ी लगाई गई थी और उनके कपड़े उतारकर तलाशी ली गई थी। उस दौरान विदेश सचिव सुजाता सिंह ने अमेरिकी राजदूत नैन्सी पॉवेल के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया था।”

कांग्रेस नेता ने आगे कहा, “यूपीए सरकार ने इसका तीखा जवाब दिया था। मीरा कुमार, सुशील कुमार शिंदे और राहुल गांधी जैसे नेताओं ने उस समय भारत दौरे पर आए अमेरिकी कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल (जॉर्ज होल्डिंग, पीट ओल्सन, डेविड श्वेइकर्ट, रॉब वुडल और मैडलीन बोर्डालो) से मिलने से इनकार कर दिया था।”

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मोदी ट्रंप प्रशासन द्वारा भारतीयों के साथ किए जा रहे व्यवहार पर चुप क्यों- कांग्रेस ने उठाया सवाल

2013 की घटना के बारे में पवन खेड़ा ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अमेरिकी कार्रवाई को निंदनीय बताया था।” खेड़ा ने कहा, “भारत सरकार ने अमेरिकी दूतावास को दिए जाने वाले कई भत्ते वापस ले लिए थे, जिसमें दूतावास के कर्मचारियों द्वारा रियायती दरों पर खाद्य और शराब का आयात शामिल है।”

कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने भी अमेरिकी सरकार द्वारा भारतीयों को हमारे देश वापस भेजने के तरीके का विरोध किया। गोगोई ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “जिस तरह से उन्हें जंजीरों में जकड़ा जा रहा है, वह अपमानजनक और अमानवीय है। मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि प्रधानमंत्री मोदी ट्रंप प्रशासन द्वारा भारतीयों के साथ किए जा रहे व्यवहार पर चुप क्यों हैं?”

वहीं, भारतीयों के निर्वासन पर दिल्ली में अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा था, “अमेरिका अपनी सीमा पर सख्ती से निगरानी कर रहा है, आव्रजन कानूनों को सख्त कर रहा है और अवैध प्रवासियों को हटा रहा है। ये कार्रवाई एक स्पष्ट संदेश देती हैं कि अवैध प्रवास जोखिम के लायक नहीं है।” पढ़ें- अवैध अप्रवासियों को डिपोर्ट करने के लिए महंगे सैन्य विमानों का उपयोग क्यों कर रहे ट्रंप?