प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार आज संसद में तीन विधेयक पेश करेगी, जिसमें किसी प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री या किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के मंत्री को गंभीर आपराधिक आरोपों में लगातार 30 दिनों तक गिरफ्तार या हिरासत में रखने पर पद से हटाने का प्रावधान है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा में यह प्रस्ताव पेश करेंगे।

तीन विधेयक कौन से हैं?

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तीन विधेयक पेश करेंगे। इनमें 130वां संविधान संशोधन विधेयक, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक और संघ राज्य क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक का शामिल हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इन तीनों विधेयकों को संसद की संयुक्त समिति को भेजने के लिए लोकसभा में प्रस्ताव भी पेश करेंगे।

विधेयक में क्या कहा गया है?

विधेयक में कहा गया है, “अगर कोई मंत्री अपने पद पर रहते हुए लगातार 30 दिनों की अवधि में किसी कानून के तहत अपराध करने के आरोप में गिरफ्तार होता है और हिरासत में लिया जाता है, जिसके लिए पांच साल या उससे ज्यादा की अवधि के जेल की सजा हो सकती है, तो उसे ऐसी हिरासत में लिए जाने के बाद 31वें दिन तक प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा पद से हटा दिया जाएगा। अगर ऐसे मंत्री को हटाने के लिए प्रधानमंत्री की सलाह 31वें दिन तक राष्ट्रपति को नहीं दी जाती है, तो वह उसके बाद आने वाले दिन से मंत्री नहीं रह जाएगा।”

ऑपरेशन सिंदूर पर बोले PM मोदी

फिलहाल, गिरफ्तारी के बाद मंत्रियों के अपने पदों पर बने रहने पर कोई रोक नहीं है। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और तमिलनाडु के मंत्री वी. सेंथिल बालाजी ने कई आरोपों में गिरफ्तारी के बाद से अपने पदों से इस्तीफा नहीं दिया।

कांग्रेस पार्टी ने हमला बोला

कांग्रेस पार्टी ने कहा कि ये विधेयक बिहार में राहुल गांधी की वोटर अधिकार रैली से ध्यान भटकाने के लिए पेश किए जा रहे हैं। कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट कर कहा, “गृह मंत्री अमित शाह के ये बिल और कुछ नहीं, बल्कि राहुल गांधी की धमाकेदार वोटर अधिकार यात्रा से जनता का ध्यान हटाने की एक हताश कोशिश है। पहले सीएसडीएस-बीजेपी आईटी सेल का ड्रामा और अब ये बिल। साफ है कि बिहार में बदलाव की बयार बह रही है।”

कांग्रेस पार्टी के नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “कैसा दुष्चक्र! गिरफ्तारी के लिए कोई दिशानिर्देश नहीं। विपक्षी नेताओं की बेतहाशा और बेहिसाब गिरफ्तारियां। नया प्रस्तावित कानून मौजूदा मुख्यमंत्री आदि को गिरफ्तारी के तुरंत बाद हटा देता है। विपक्ष को अस्थिर करने का सबसे अच्छा तरीका है पक्षपाती केंद्रीय एजेंसियों को विपक्षी मुख्यमंत्रियों को गिरफ्तार करने के लिए उकसाना और उन्हें चुनावी तौर पर हराने में नाकाम रहने के बावजूद, मनमाने ढंग से गिरफ्तार करके उन्हें हटाना और सत्तारूढ़ दल के किसी भी मौजूदा मुख्यमंत्री को कभी छुआ तक नहीं।” मालदीव से लौटे PM मोदी ने तमिलनाडु पहुंचकर क्या-क्या कहा