भारत में कोरोनावायरस के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश में भी संक्रमण के मामले तेजी से 1 लाख के करीब पहुंच रहे हैं। हालांकि, फिलहाल राज्य में कोरोना के खतरे से ज्यादा राम मंदिर के निर्माण कार्य के शुरू होने की चर्चा है। 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण अडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, संघ प्रमुख मोहन भागवत समते कई बड़े नेता राम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में जुटेंगे। हालांकि, अगर अयोध्या में कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय के स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SoP) का पालन किया जाए, तो यह सभी बड़े नेता कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले पाएंगे।

स्वास्थ्य मंत्रालय की SoP के मुताबिक, धार्मिक कार्यक्रमों में 65 साल के ऊपर के लोग, पहले से किसी बीमारी से जूझ रहे लोग, गर्भवती महिलाओं और 10 साल से कम के बच्चों को न जाने की सलाह दी गई है। इसके लिए धार्मिक संस्थानों को भी ठीक ढंग से सलाह जारी कर लोगों को जागरूक करने की जिम्मेदारी है। गौरतलब है कि गृह मंत्रालय की तरफ से अनलॉक-3 के तहत इस हफ्ते जो गाइडलाइंस जारी की गई हैं, उनमें भी 65 साल की उम्र से ज्यादा के लोगों को घर में ही रहने की सलाह दी गई है।

हालांकि, अगर राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होने वाली बड़ी हस्तियों की बात की जाए, तो इनमें से ज्यादातर की उम्र 65 साल के ऊपर ही है। जहां पीएम मोदी 69 साल के हैं, वहीं मुरली मनोहर जोशी 86 के हैं। राम मंदिर आंदोलन शुरू करने वाली शख्सियतों में शुमार लालकृष्ण अडवाणी 92 साल के हैं। वहीं आरएसएस के सरसंघचालक सुरेश भैयाजी जोशी 73 साल के हैं। इसके अलावा बाबरी मस्जिद विध्वंस के समय तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह भी अब 88 साल के हैं।

जिन बड़े नेताओं के लिए कार्यक्रम में आयु का मसला रोड़ा नहीं बन रहा है, उनमें भाजपा के विनय कटियार (65) और उमा भारती (61) शामिल हैं। बता दें कि सरकार की अनलॉक-3 की गाइडलाइंस बड़े धार्मिक जुटाव को भी प्रतिबंधित करती है।