केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी का कहना है कि कम्युनिस्ट किसान आंदोलन से बाहर हो जाएं तो कल ही समस्या का समाधान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों के मुद्दे तो हल हो चुके हैं। चौधरी ने कहा, ”शुरू में जब पहली बैठक हुई थी, तब उनके जो मुद्दे थे उन पर सरकार ने अमल करके उसमें संशोधन कर लिया है। उसके लिए लिखित में आश्वासन देने की बात भी हो चुकी है। कल इस मानसिकता के साथ बैठें कि कोई न कोई समाधान निकालना है। किसान यूनियन के कुछ नेता चाहते हैं कि इसका समाधान हो। अगर यूनियन से कम्युनिस्ट निकल जाएं तो कल इसका समाधान हो जाएगा। कम्युनिस्ट, कांग्रेस और कुछ राजनीतिक दल कभी नहीं चाहते कि इसका समाधान हो।’
बता दें कि आज सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा, ”26 जनवरी के दिन दिल्ली में किसानों को दाखिल होने देना है या नहीं ये दिल्ली पुलिस तय करेगी क्योंकि ये कानून व्यवस्था से जुड़ा मुद्दा है।” केंद्र ने 26 जनवरी को राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर परेड पर रोक लगाए जाने के लिए अदालत में अर्जी दी है।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली बैंच ने कहा कि कानून व्यवस्था पूरी तरह से पुलिस के जिम्मे है। कौन दाखिल होगा कौन नहीं ये पुलिस तय करेगी। इस मामले में कोर्ट कुछ नहीं कह सकता है। इस पर अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा, ” स्थिति सामान्य नहीं है और कोर्ट आदेश दे सकता है।”
इस पर कोर्ट ने कहा, “क्या अदालत सरकार को बताएगी कि कानून व्यवस्था कैसे बरकरार रखी जाए? हम इसमें आपको कुछ भी नहीं कहने वाले हैं।” कोर्ट ने मामले में सुनवाई को 20 जनवरी तक के लिए टाल दिया है। दिल्ली पुलिस के जरिए दायर की गई एक अर्जी में कहा गया है कि गणतंत्र दिवस कार्यक्रम को यदि किसानों का प्रदर्शन किसी भी तरह से प्रभावित करता है तो ये देश के लिए शर्मिंदगी की बात हो जाएगी।
इसलिए कोर्ट से कहा गया है कि वे आदेश दें कि दिल्ली में उस दिन किसी भी तरह का प्रदर्शन किसी भी रूप में न हो। हालांकि किसानों ने साफ किया है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से रैली करेंगे और राजपथ पर होने वाली परेड को प्रभावित नहीं करेंगे।