IAF Retires MIG-21: भारतीय वायु सेना ने साढ़े तीन साल पहले पाकिस्तान की सीमा में घुसकर बहादुरी का जो इतिहास लिखा था वो शायद ही कभी देशवासी भूल पाएं। जब 27 फरवरी 2019 को पाकिस्तानी लड़ाकू विमान एफ-16 ने भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की थी और भारतीय आईएएफ के जवानों ने उसे उसकी सीमा में खदेड़ कर मार गिराया था। तत्कालीन विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए पाकिस्तानी सीमा में घुसकर उसके लड़ाकू विमान मार गिराया था। अब भारत उसी मिग-21 की 30 सितंबर से सेवाएं समाप्त करने जा रहा है।

अभिनंदन को इस बहादुरी के लिए वीर चक्र से सम्मानित किया गया था। उस समय वो सक्वाड्रन का हिस्सा हुआ करते थे। हिन्दुस्तान टाइम्स के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया,’भारतीय एयरफोर्स अपने मिग-21 फाइटर्स के 4 स्क्वाड्रनों में से एक को 30 सितंबर के दिन रिटायर करेगी। श्रीनगर में तैनात 51 नंबर की इस स्क्वाड्रन को ‘स्वॉर्ड आर्म्स’ के रूप में भी जाना जाता है।’ वहीं बाकी के मिग-21 को चरणबद्ध तरीके से 2025 तक रिटायर किया जाएगा।

IAF ने लिया था पुलवामा हमले का बदला

भारतीय वायु सेना ने 26 फरवरी 2019 को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में एक आईएएफ से हमला बोला और कई आतंकी कैंप और उनके आतंकी हेलिपैड को तबाह कर दिया। भारत का ये हमला कश्मीर में 14 फरवरी 2019 को पुलवामा आत्मघाती हमले का बदला लेने के लिए किया था। इसके ठीक अगले दिन भारत की सीमारेखा में एक पाकिस्तानी एफ-16 विमान ने घुसपैठ करने की कोशिश की थी जिसे विंग कमांडर (अब ग्रुप कैप्टन) अभिनंदन वर्थमान ने नियंत्रण रेखा पर डॉगफाइट के दौरान मार गिराया था। तब अभिनंदन 51वें स्क्वाड्रन में थे।

6 दशकों में 400 से ज्यादा मिग-21 हादसे का शिकार बने

भारतीय वायुसेना के कई मिग-21 विमान में बीते दिनों में हादसे का शिकार हुए हैं। यद्यपि मिग-21 ने भारतीय वायुसेना को काफी लंबे समय से अपनी सेवाएं दी हैं लेकिन अब सुरक्षा के मद्देनजर वायुसेना ने इसे रिटायर करने का फैसला किया है। भारतीय वायुसेना को साल 1963 में अपना पहला मिग-21 लड़ाकू विमान मिला था। बीते 6 दशकों में 400 से भी ज्यादा अधिक मिग-21 दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं। इन हादसों में 200 से ज्यादा पायलट अपनी शहादत दे चुके हैं। अब वायुसेना स्वदेशी लड़ाकू विमानों जैसे तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट को अपने बेड़े में मिग-21 की जगह शामिल कर रही है।