जेएनयू विवाद और रोहित वेमुला की मौत के मामले पर संसद में लगातार दूसरे दिन गुरुवार को भी चर्चा और बहस का दौर जारी रहा। विपक्ष ने जहां बीजेपी और केंद्र सरकार पर असहमति को दबाने का आरोप लगाया, वहीं सरकार ने कहा कि हेट स्पीच को फ्री स्पीच नहीं कहा जा सकता है। स्मृति ईरानी ने भी विपक्ष पर दूसरे दिन हमला जारी रखा। इससे पहले, बुधवार को रोहित वेमुला की मौत पर जारी चर्चा के दौरान उनकी बीएसपी सुप्रीमो मायावती से तीखी बहस हो गई थी। स्मृति ने गुरुवार को रोहित वेमुला के फेसबुक पोस्ट का हवाला देते हुए लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी पर हमला किया। उन्होंने रोहित वेमुला के उस कथित एफबी पोस्ट को पढ़ा, जिसमें लिखा गया था, ”ऐसा आखिरी बार कब हुआ जब सीपीआई ने किसी बारे में बात की और इसे राष्ट्रीय स्तर पर हासिल किया?” स्मृति ईरानी ने बताया कि उन्होंने रोहित वेमुला की मां से बात की थी, लेकिन इसका खुलासा नहीं किया। बाद में जेएनयू मामले में जब स्मृति ने महिषासुर दिवस मनाए जाने से जुड़ा पैम्फलेट पढ़ा तो हंगामा हो गया, जिसके बाद कार्यवाही रद्द करनी पड़ी।
और क्या कहा स्मृति ईरानी ने
ऐसे बहुत सारे लोग हैं जो मेरी शैक्षिक योग्यता के आधार पर मुझे ‘अनपढ़ मंत्री’ कहते हैं। मैं यह दावा नहीं करती कि मैं येचुरी जी की तरह कुशल स्पीकर हूं।
मौत को राजनीतिक उपकरण के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है।
दलित विपक्षी पार्टियों के लिए राजनीतिक चारा बन गए हैं।
कांग्रेस जब सरकार में थी तो दिल्ली यूनिवर्सिटी ने रिजर्वेशन पॉलिसी को लागू करने से इनकार कर दिया था।
बहस के दौरान स्मृति ने शेक्सपियर के नाटक मैक्बेथ की लाइंस-Fair Is Foul, Four Is Fair का जिक्र किया।