Delhi-NCR AQI Update: दिल्ली-NCR में दिवाली की आतिशबाजी के बाद मंगलवार की सुबह लोगों के लिए धुंध वाली रही है। कई जगहों पर AQI का स्तर 400 पार जा चुका है। राजधानी में हवा ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बनी हुई है। पहले से ही अनुमान लगाया गया था कि पटाखों की वजह से दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बढ़ेगा, अब आंकड़े भी इस बात की पुष्टि कर रहे हैं।
दिल्ली में इस समय AQI 454 चल रहा है, दूसरे शब्दों में कहें तो राजधानी में प्रदूषण का स्तर पूरे देश की तुलना में 2.3 गुना ज्यादा है। अगर 20 अक्टूबर से लेकर 21 अक्टूबर की सुबह तक दिल्ली के AQI को मॉनिटर किया जाए तो पता चलता है कि प्रदूषण का स्तर किस तरह से बढ़ता गया। नीचे दिए गए ग्राफिक से इसे और आसानी से समझा जा सकता है-

| स्थान | वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) |
| बवाना | 418 |
| वज़ीरपुर | 408 |
| जहांगीरपुरी | 404 |
| बुराड़ी क्रॉसिंग | 393 |
| शादिपुर | 393 |
| अशोक विहार | 386 |
| पंजाबी बाग | 375 |
| आर.के. पुरम | 369 |
| रोहिणी | 367 |
| विवेक विहार | 367 |
| सोनिया विहार | 359 |
| नरेला | 354 |
| नेहरू नगर | 354 |
| आनंद विहार | 352 |
| डॉ. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज | 352 |
| दिल्ली विश्वविद्यालय (नॉर्थ कैंपस) | 352 |
| दिलशाद गार्डन | 346 |
| पूसा | 346 |
| आईटीओ | 345 |
| ओखला फेज़-2 | 345 |
| डीटीयू (दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय) | 342 |
| मथुरा रोड | 341 |
| द्वारका सेक्टर-8 | 333 |
| अलीपुर | 312 |
| सीरी फ़ोर्ट | 310 |
AQI की ही वेबसाइट बता रही है कि इस समय दिल्ली की हवा में सांस लेना ऐसा है जैसे आप दिन में 11.1 सिगरेट पी रहे हों। दिल्ली-एनसीआर आतिशबाजी के बाद गैस चेंबर में तब्दील हो चुका है, लोग आंखों में जलन की शिकायत कर रहे हैं। दिल्ली से सटे गाजियाबाद में भी आतिशबाजी के बाद हालात काफी खराब हैं, आसमान में धुंध छाई हुई है और लोगों को सांस लेने में काफी दिक्कतें हो रही हैं। गाजियाबाद की अलग-अलग जगहों का प्रदूषण का हाल नीचे दी गई टेबल से समझें-
| स्थान | वायु गुणवत्ता स्तर | AQI | PM2.5 | PM10 | तापमान (°C) | नमी (%) |
| चंदर नगर | ख़तरनाक | 415 | 269 | 338 | 24.8 | 45 |
| क्रॉसिंग्स रिपब्लिक | गंभीर | 392 | 240 | 283 | 25.2 | 45 |
| इंदिरापुरम | गंभीर | 377 | 220 | 391 | 23 | 78 |
| इंदिरापुरम | गंभीर | 348 | 182 | 203 | 23 | 78 |
| लोनी देहात | गंभीर | 373 | 215 | 340 | 23 | 78 |
| लोनी देहात | गंभीर | 382 | 227 | 303 | 23 | 78 |
| मोहन नगर | गंभीर | 397 | 246 | 350 | 23 | 78 |
| राजनगर एक्सटेंशन | ख़तरनाक | 408 | 261 | 379 | 23 | 78 |
| संजय नगर | गंभीर | 362 | 200 | 331 | 23 | 78 |
| शालीमार गार्डन | गंभीर | 388 | 234 | 276 | 26.4 | 45 |
| सूर्य नगर | ख़तरनाक | 429 | 288 | 291 | 23 | 78 |
| वसुंधरा | गंभीर | 360 | 198 | 349 | 23 | 78 |
हर दिवाली के बाद ऐसी ही स्थिति देखने को मिलती है, इसी वजह से कई सालों से पटाखों पर प्रतिबंध भी चल रहा था, लेकिन इस साल सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन क्रैकर्स की अनुमति दी थी। इस समय क्योंकि प्रदूषण का स्तर ज्यादा है, दिल्ली में आरोप-प्रत्यारोप वाली राजनीति शुरू हो चुकी है। कांग्रेस रेखा सरकार पर हमलावर है और बीजेपी फर्जी नेरेटिव गढ़ने का आरोप लगा रही है।
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