Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। आज नॉमिनेशन फाइल करने का आखिरी दिन है। दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी नामांकन दाखिल कर दिया है। अब दिल्ली बीजेपी प्रमुख ने केजरीवाल की आय पर सवाल खड़े किए हैं। अरविंद केजरीवाल ने नामांकन पत्र दाखिल किया। उन्होंने जो हलफनामा दाखिल किया है, उसमें कुछ विसंगतियां हैं। इसलिए हम उनसे ये सवाल पूछ रहे हैं। वह कहते रहे हैं कि उनकी आय का स्रोत विधायक वाला वेतन है और उस हिसाब से इनकम टैक्स देते रहे हैं।
दिल्ली बीजेपी प्रमुख ने कहा कि हलफनामे से एक और सवाल भी उठता है कि आप प्रमुख की इनकम 2020 से 21 तक सिर्फ एक साल में 44,90,040 रुपये कैसे हो सकती है। उन्होंने कहा कि यह राशि 2019 से 20 तक उनकी इनकम के रूप में दिखाई गई 1,57,823 रुपये से लगभग 40 गुना ज्यादा है। उन्होंने कहा कि वह केजरीवाल से एक साधारण सवाल पूछना चाहते हैं, जिन्होंने हमेशा दावा किया है कि विधायक के रूप में उनका वेतन ही उनकी आय का एकमात्र स्रोत है, उन्होंने अपने वेतन के अलावा आय के किसी अन्य स्रोत के बारे में क्यों नहीं बताया है, जबकि 2020-21 में उनकी आय पिछले सालों की तुलना में अचानक चालीस गुना बढ़ जाती है।
वीरेंद्र सचदेवा ने उठाए सवाल
समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि शीशमहल का ऐसा कौन सा आपको खजाना मिला। शायद उसकी खुदाई में मिल गया हो। जब लोग कोविड में डरे हुए बैठे थे और अपने घरों में छिपे बैठे थे। लोग खाने के लिए मोहताज थे। उस समय आपके पास पैसा कहां से आया। इस बात का आपको जवाब देना होगा। ये कोई संयोग नहीं है। ये शराब नीति का पैसा है। अरविंद केजरीवाल को इसकी जानकारी जनता को देनी होगी।
अरविंद केजरीवाल Vs प्रवेश वर्मा
जनता जवाब चाहती है- प्रवीण शंकर कपूर
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिल्ली बीजेपी मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर ने साफ किया कि पार्टी का किसी पर आरोप लगाने का कोई इरादा नहीं है, बल्कि वह सिर्फ लोगों के मन में उठे सवाल पर किसी व्यक्ति से स्पष्टीकरण मांगना चाहती है। उन्होंने कहा कि 2013-14 के वित्तीय वर्ष में आप प्रमुख को मुख्यमंत्री के रूप में केवल दो महीने का वेतन और भत्ते मिल सकते थे, उसके बाद मार्च 2014 से 4 नवंबर 2014 तक नियमित विधायक वेतन और भत्ते मिलते। फरवरी 2015 में फिर से चुने जाने पर केजरीवाल को 17 सितंबर 2024 तक मुख्यमंत्री का वेतन और भत्ते मिलने लगे, जब उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद से अब तक वह विधायक वेतन ले रहे होते। बीजेपी नेता के मुताबिक, इन तथ्यों को देखते हुए केजरीवाल द्वारा 15 जनवरी 2025 को दिए गए हलफनामे में 2013-14 से 2024-25 तक घोषित आय किसी भी तरह से मेल नहीं खाती। करोड़ों के मालिक हैं अरविंद केजरीवाल पढ़ें रिपोर्ट…