बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन अपने घोषणा पत्र में कुछ बड़े मुद्दों को शामिल करने जा रहा है। इसमें ओबीसी छात्रों के लिए हर सब डिवीजन में हॉस्टल और हर ब्लॉक में डिग्री कॉलेज बनाना, डी. बंद्योपाध्याय आयोग की भूमि सुधार सिफारिशों को लागू करना शामिल है। इसके अलावा महागठबंधन अपने घोषणापत्र में यह वादा भी कर सकता है कि बलात्कार पीड़िताओं की मेडिकल रिपोर्ट उन्हें सबसे पहले मिले ताकि रिपोर्ट में किसी भी तरह की छेड़छाड़ ना हो।

महागठबंधन की ओर से घोषणा पत्र को लेकर काम कर रहे सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि महागठबंधन ने कुछ बड़े मुद्दों पर चर्चा की है और घोषणा पत्र को जल्द ही जारी किया जा सकता है।

इन सब मुद्दों पर चर्चा चल रही है और महागठबंधन की ओर से बनाई गई समन्वय समिति इसे लेकर अंतिम फैसला लेगी।

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तेजस्वी हैं समन्वय समिति के प्रमुख

समन्वय समिति का नेतृत्व बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद के नेता तेजस्वी यादव कर रहे हैं। समिति में इसके अलावा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु, सीपीआई (एमएल) एल के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य सहित महागठबंधन में शामिल सभी दलों के सदस्य शामिल हैं।

कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि हमारा वादा है कि बलात्कार पीड़िता को 24 घंटे के भीतर मेडिकल रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाएगी और यह रिपोर्ट स्थानीय प्रशासन और पुलिस का दस्तावेज नहीं होगी बल्कि सबसे पहले यह बलात्कार पीड़िता तक पहुंचाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे अदालतों में निष्पक्ष जांच और त्वरित न्याय मिलेगा।

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नीतीश कुमार जब 2005 में पहली बार मुख्यमंत्री बने थे तो उन्होंने देवव्रत बंद्योपाध्याय आयोग बनाया था। बंद्योपाध्याय रिटायर्ड आईएएस अफसर हैं और उन्हें भूमि सुधार मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है। हालांकि नीतीश कुमार ने 2009 में कहा था कि यह जरूरी नहीं है कि उसे इस आयोग की सिफारिशों को मानना ही पड़े।

इन वादों को भी मिल सकती है जगह

महागठबंधन के घोषणा पत्र में कुछ अन्य बड़े वादे भी शामिल किए जा सकते हैं जिसमें महिलाओं के लिए 2 लाख रुपये तक की कर्ज माफी, 6,000 रुपये से कम मासिक आय वाले 94.5 लाख परिवारों को एकमुश्त वित्तीय सहायता देना, महिलाओं के लिए 2,500 रुपये की मासिक सहायता, 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली, एपीएमसी नेटवर्क की बहाली, गरीबों के लिए शहरी क्षेत्रों में 5 डेसीमल और ग्रामीण क्षेत्रों में 3 डेसीमल जमीन देने को शामिल किया जा सकता है।

कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने बताया कि ओबीसी के लिए कॉलेज और हॉस्टल बनाने के मुद्दे पर महागठबंधन में शामिल सभी दलों में सहमति है और इसलिए इन्हें घोषणा पत्र में शामिल किया जाएगा।

‘अति पिछड़ा न्याय संकल्प’ किया था जारी

तेजस्वी यादव और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पहले ही ‘अति पिछड़ा न्याय संकल्प’ का प्रस्ताव जारी कर चुके हैं। इसमें अति पिछड़े वर्गों के खिलाफ होने वाले अत्याचार को रोकने के लिए एससी/एसटी एक्ट की तर्ज पर कानून बनाने, पंचायत में अति पिछड़े वर्गों का आरक्षण 20% से बढ़कर 30% करने जैसे कई वादे शामिल हैं।

अति पिछड़ा वर्ग बिहार की आबादी का लगभग 36% है और राज्य में सबसे बड़ी आबादी वाला समूह है।

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