केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस के शासन पर हमला बोलते हुए कहा कि पहले कैबिनेट मंत्री अपने आप को पीएम समझते थे। मंत्री, पीएम को समझते ही नहीं थे। अमित शाह ने ‘डिलीवरिंग डेमोक्रेसी- रिव्यूइंग द टू डिकेड्स ऑफ नरेंद्र मोदी ऐज हेड ऑफ गवर्नमेंट’ कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए ये बातें कही।

अमित शाह ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि यूपीए सरकार के पास देश के लिए कोई नीति और विजन नहीं था। हर दिन एक नया भ्रष्टाचार के आरोपों के लिए कांग्रेस का शासन जाना जाता है। अमित शाह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा- “मनमोहन जी की सरकार ने 2014 के चुनाव से पहले 10 साल पूरे कर लिए थे। मनमोहन सिंह की सरकार में कैबिनेट मंत्री खुद को प्रधानमंत्री मानते थे। देश के लिए कोई नीति नहीं थी, देश की सुरक्षा पर कोई बात नहीं हुई, हर दिन एक नया भ्रष्टाचार सामने आया”।

शाह से कहा कि उस समय का सबसे कम का जो घोटाला था, वो 12 लाख करोड़ रुपये का था! आंतरिक सुरक्षा पर सवाल थे। ऐसा लग रहा था कि हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था कभी भी ध्वस्त हो जाएगी। उस समय बीजेपी ने गुजरात के तत्कालीन सीएम को पीएम उम्मीदवार के तौर पर उतारने का फैसला किया था।

बीजेपी नेता ने कहा कि 2014 तक देश में राम-राज्य की अवधारणा ध्वस्त हो चुकी थी। उन्होंने कहा- “लोगों के मन में यह आशंका थी कि क्या हमारी बहुदलीय लोकतांत्रिक संसदीय प्रणाली विफल हो गई है। लेकिन देश की जनता ने धैर्य से निर्णय लिया और पूर्ण बहुमत के साथ देश का शासन पीएम नरेंद्र मोदी जी को सौंप दिया”।

गृहमंत्री ने मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि उन्होंने वहां कई सुधारों की शुरुआत की। गृह मंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने जीडीपी को मानवीय कोण दिया है। “जीडीपी बढ़ना चाहिए, लेकिन इसका लाभार्थी गरीब और जरूरतमंद को होना चाहिए। उनके सुधार हमेशा गरीबों की जरूरतों पर आधारित रहे हैं”।

इस दौरान शाह ने पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि पीएम ने विदेशों में भारत का मान बढ़ाया। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद कोई सफल पीएम हुआ है तो वो नरेंद्र मोदी हैं।