कर्नाटक में दो कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफे पर पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी नेता सिद्दारमैया ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह इस सब में लिप्त हैं। वे ही विधायकों को पैसों का लालच दे रहे हैं। उनके मुताबिक, वे इस सरकार को गिराना तो चाहते हैं, पर उसमें सफल नहीं हो पा रहे हैं।
दरअसल, एक दिन पहले (एक जुलाई, 2019) ही विजय नगर से विधायक आनंद सिंह और गोकाक से एमएलए रमेश जारकिहोली ने विधानसभा अध्यक्ष को त्यागपत्र सौंपा था, जिसके बाद सिद्दारमैया ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई थी। बता दें कि मौजूदा समय में सूबे में कांग्रेस और मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाले जनता दल (सेक्युलर) के गठबंधन वाली सरकार है।
ताजा मामले में मंगलवार (दो जुलाई, 2019) को सिद्दारमैया पत्रकारों से बोले, “अमित शाह इसमें सीधे तौर पर शामिल हैं। पीएम मोदी भी इसमें लिप्त हैं। वे सत्ता और पैसों का लालच (विधायकों को) दे रहे हैं। वे इस सरकार को गिराना चाहते हैं, पर इस काम में वे सफल नहीं हो रहे हैं। हालांकि, कर्नाटक सरकार को इससे कोई दिक्कत नहीं है। ये दो विधायक बीजेपी में नहीं जाएंगे।”
उधर, बीजेपी ने कांग्रेस के इन आरोपों को खारिज किया है। मंगलवार को कर्नाटक इकाई अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा बोले कि यह महज सत्तारूढ़ दल के भीतर के मनभेद को छिपाने का बहाना भर है। बीजेपी की इसमें किसी प्रकार की भूमिका नहीं है। उन्होंने आगे यह भी कहा, “12 जुलाई से शुरू होने वाले विधानसभा के मॉनसून सत्र में अविश्वास मत पेश करने का हमारा कोई प्लान नहीं है।”
बकौल येदियुरप्पा, “हमने कभी नहीं कहा कि हम कांग्रेस-जेडी(एस) के खिलाफ कोई ऑपरेशन चलाएंगे। हमने ये कहा था कि सरकार में से कुछ खफा विधायक निकलकर बाहर आएंगे।”
उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव पर इस्तीफों के लिए भाजपा को जिम्ममेदार ठहराकर अपनी पार्टी के नेताओं के बीच के मतभेदों से ध्यान हटाने की कोशिश करने का आरोप लगाया। कांग्रेस नेताओं की इस धमकी पर कि वे भाजपा के खिलाफ भी ऐसा ही अभियान चला सकते हैं, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि वे पिछले तीन महीने से यह कहते आ रहे हैं और उन्हें हमारी चुनौती है कि वे ऐसा करके दिखाएं।
कांग्रेस विधायकों आनंद सिंह और रमेश जरकिहोली ने विधानसभा अध्यक्ष को अपना-अपना इस्तीफा भेजा था, जो पहले से अंसतोष से जूझ रही 13 माह पुरानी एच डी कुमारस्वामी सरकार के लिए एक बड़ा झटका है। राव ने भाजपा पर (कर्नाटक) सरकार को अस्थिर करने की कोशिश के तहत विधायकों पर दबाव बनाने और उन्हें ब्लैकमेल करने के लिए सत्ता और केंद्रीय एजेंसियों का दुरूपयोग करने का आरोप लगाया था। (पीटीआई-भाषा इनपुट्स के साथ)