Himanta Biswa Sarma On AFSPA: असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बड़ी घोषणा की है। सरमा ने कहा कि उनका लक्ष्य इस साल के अंत तक पूरे राज्य से विवादास्पद कानून AFSPA (Armed Forces Special Powers Act) को हटाना है। उन्होंने कहा कि नवंबर तक पूरे राज्य से अफस्पा को हटाया जा सकता है। मौजूदा वक्त में असम के आठ जिलों में अफस्पा लागू है। हिमंता ने यह भी कहा कि राज्य के पुलिस बल को प्रशिक्षित करने के लिए पूर्व सैन्य कर्मियों की सेवा ली जाएगी। कमांडेंट कॉन्फ्रेंस को सोमवार को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कदम से असम पुलिस बटालियनों से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) को बदले जाने की सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि कानून के अनुसार सीएपीएफ की आवश्यक मौजूदगी रहेगी।

AFSPA के तहत सुरक्षाबलों को विशेष अधिकार मिले होते हैं, जिनके दुरुपयोग की आशंका के मद्देनजर लंबे समय से सवाल उठते रहे हैं। यह कानून सुरक्षा बलों को बिना किसी पूर्व वारंट के अभियान चलाने और किसी को भी अरेस्ट करने का अधिकार देता है। अगर सुरक्षाबलों की गोली से किसी की मौत भी हो जाती है तो यह कानून उन्हें गिरफ्तारी और मुकदमे का सामना करने से भी छूट देता है।

क्या है अफस्पा (Armed Forces Special Powers Act)-

AFSPA को केवल अशांत क्षेत्रों में लागू किया जाता है। इन जगहों पर सुरक्षाबल बिना वारंट के किसी को भी गिरफ्तार कर सकते हैं। कई मामलों में बल प्रयोग भी हो सकता है। पूर्वोत्तर में सुरक्षाबलों की सहूलियत के लिए 11 सितंबर 1958 को यह कानून पास किया गया था। 1989 में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद बढ़ने पर यहां भी 1990 में अफस्पा लागू कर दिया गया। अशांत क्षेत्र कौन-कौन से होंगे, ये भी केंद्र सरकार ही तय करती है।

AFSPA अभी किन जगह पर लागू है-

अफस्पा कानून असम, मणिपुर, त्रिपुरा, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, नगालैंड, पंजाब, चंडीगढ़ और जम्मू-कश्मीर समेत कई हिस्सों में लागू किया गया था। हालांकि बाद में कई इलाकों से हटा भी दिया गया था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की घोषणा से पहले यह कानून जम्मू-कश्मीर, नगालैंड, मणिपुर (राजधानी इंफाल के 7 क्षेत्रों को छोड़कर), असम और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में लागू है। त्रिपुरा, मिजोरम और मेघालय से इसे पहले ही खत्म कर दिया गया था।

नवंबर, 1990 में असम को अशांत क्षेत्र घोषित किया गया

नंवबर, 1990 में अफस्पा के तहत असम को अशांत क्षेत्र घोषित किया गया था और तब से इसे हर छह महीने में बढ़ाया जाता रहा है। मुख्यमंत्री सरमा ने इस बात का हवाला दिया कि पिछले दो वर्षों में राज्य में कानून और व्यवस्था के स्थिति में सुधार हुआ है। इसी महीने की शुरुआत में हिमंता ने कहा था कि अरुणाचल प्रदेश के साथ सीमा विवाद पूरी तरह से सुलझा लिया गया है, जबकि मेघालय के साथ 12 विवादित इलाकों में से छह पर समझौता हो गया है। जबकि बाकी इलाकों के लिए अगले महीने बातचीत शुरू होगी।