मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक युवक की पुलिस की पिटाई से मौत हो गई। पिता और बेटे के बीच आखिरी बातचीत गुरुवार शाम को हुई थी। जब उदित के पिता राजकुमार गायके ने पूछा कि वह कहां जा रहा है, तो उनके बेटे ने बताया कि उसे शहर में कुछ काम है। राजकुमार याद करते हुए कहते हैं, “वह बार-बार यही कहता रहा कि कॉलेज का काम है। मैंने कहा, ठीक है, जल्दी आ जा।”

उन्हें नहीं पता था कि उदित को बेंगलुरु की एक आईटी कंपनी से नौकरी का ऑफर मिला है और वह दोस्तों के साथ मिलकर जश्न मना रहा है। राजकुमार को यह भी नहीं पता था कि वह अपने बेटे की आवाज फिर कभी नहीं सुन पाएंगे। कुछ ही घंटे के बाद बेंगलुरु से एक फोन आया। इसने मुझे चिंता में डाल दिया। फोन करने वाले ने विनती की, “अंकल, भोपाल एम्स चले जाइए।” परिवार को ज्यादा जानकारी नहीं मिली। राजकुमार ने बताया, “उदित के बेंगलुरु स्थित दोस्त का फोन था। मैं अस्पताल गया और अपने बेटे का शव देखा, जिसके सिर, कंधे, पीठ, कमर और आंख पर चोट के निशान थे। उसे जानवरों की तरह मारा गया था।”

पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज

बता दें कि उदित की मौत पुलिसवालों की पिटाई के बाद हुई थी। यह पूरा खौफनाक मंजर सीसीटीवी में कैद हो गया। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर, भोपाल पुलिस ने शनिवार को कांस्टेबल संतोष बामणिया और सौरभ आर्या के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया। रविवार को बामणिया और आर्या को गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

भोपाल के वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में कंप्यूटर साइंस और साइबर सिक्योरिटी में बीटेक के स्टूडेंट उदित अपने परिवार में सबसे छोटा था। उनके पिता और तीन चाचा इंजीनियर हैं और उनकी मां और मौसी सरकारी स्कूल में टीचर हैं। एक चाचा केके गायके ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “हम किसी के साथ, खासकर पुलिस के साथ, बदतमीजी क्यों करेंगे? हम अपना सिर झुकाकर रखते हैं, मुसीबतों से दूर रहते हैं और आगे बढ़ते हैं। यही हमारी संस्कृति है।”

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अब मेरी पत्नी को होश नहीं आ रहा है- राजकुमार

राजकुमार ने कहा, “हमारे सभी बच्चे ठीक हैं। हम साथ मिलकर दिवाली मनाने की योजना बना रहे थे। अब मेरी पत्नी को होश नहीं आ रहा है, मेरी दोनों बेटियां दुख में डूबी हुई हैं और मुझे समझ नहीं आ रहा कि पुलिस मेरे बेटे के साथ एक खूंखार अपराधी जैसा व्यवहार क्यों कर रही थी।” उदित की दोनों बहनें बड़ी हैं। उदित के दोस्त आदित्य व्यास ने बताया, “उसे घूमना-फिरना पसंद था। वह हाल ही में अपने कॉलेज ग्रुप के साथ इंदौर और पचमढ़ी गया था।”

वीकेंड पर उदित अपने घर के पास होटल के कर्मचारियों के साथ फुटबॉल खेलता था। राजकुमार ने बताया, “वह उन्हें रणनीति सिखाता था। वह उन्हें बेहतर खेलने का तरीका बताता था। उन लड़कों को अब भी नहीं पता कि वह मर चुका है।” हालांकि, उदित को बेंगलुरु में 10-15 लाख रुपये सालाना के पैकेज पर एक आईटी नौकरी मिल गई थी, लेकिन असल में वह एक स्टार्टअप शुरू करना चाहता था। आदित्य ने बताया, “वह अपने हुनर ​​को निखारने के लिए एक कोर्स कर रहा था। वह 20 लाख रुपये के पैकेज की तलाश में था और बाद में अपना खुद का कुछ शुरू करना चाहता था।” राजकुमार ने कहा कि वे उसका साथ देने को तैयार थे।

दोस्त ने उदित के बारे में क्या बताया?

आदित्य ने कहा, “उसका दिल भी बहुत बड़ा था। वह हम सब को फोन करता था। अगर उन्होंने महीनों तक बात भी न की हो, तो भी अचानक कॉन्टेक्ट करते थे। वह अपने दोस्तों के लिए कुछ भी कर सकता था।” आदित्य ने बताया कि उस गुरुवार की रात उदित अपने दोस्तों के साथ लगभग 1 बजे तक था और फिर सब कुछ हुआ। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, सीसीटीवी फुटेज में कांस्टेबल बामनिया और आर्या रात करीब डेढ़ बजे उदित और उसके दोस्तों को रोकते हुए दिखाई दे रहे हैं। राजकुमार ने कहा, “जब हमने फुटेज देखी, तो हम हैरान रह गए। उसके साथ इतनी बेरहमी से मारपीट की गई थी। वह बच्चा था। वे (पुलिस) उसे बस एक बार मारकर छोड़ सकते थे।”

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