जम्मू-कश्मीर में कुलगाम जिले के अखल जंगल में आतंकियों से चल रही मुठभेड़ में पंजाब के दो जवानों की मौत हो गई। इनमें से एक मनुपुर गांव के लांस नायक प्रीत पाल सिंह भी थे। प्रीतपाल सिंह की मौत की खबर जब उनके परिवार तक पहुंची तो शोक में डूबे ग्रामीणों की चीखें गूंज उठीं। तिरंगे में लिपटा उनका पार्थिव शरीर रविवार को गांव पहुंचने की उम्मीद है और पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए , उनके बड़े भाई हरप्रीत सिंह ने कहा, “परिवार के लिए बेहतर जिंदगी कमाने की कोशिश करते हुए वह चला गया। उसकी शादी अभी पांच महीने पहले ही फरवरी में हुई थी। उनकी नवविवाहिता पत्नी बेसुध हैं। हमने बहुत गरीबी देखी है और हमारे पिता दिहाड़ी मजदूर हैं। वे बारहवीं पास करने के बाद सेना में भर्ती हो गए थे ताकि हमारे परिवार की आर्थिक स्थिति सुधर सके।”
छुट्टी लेकर दिवाली पर घर आने का वादा किया था – हरप्रीत
हरप्रीत ने कहा कि उनके भाई की एकमात्र इच्छा यह थी कि उनके पिता हरबंस सिंह मुंह के कैंसर से पूरी तरह ठीक हो जाएं। हरप्रीत ने फूट-फूट कर रोते हुए कहा, “उन्होंने सुनिश्चित किया कि मेरे पिता को आर्मी हॉस्पिटल में बेहतर इलाज मिले। मैंने उनसे आखिरी बार 7 अगस्त को घटना से कुछ घंटे पहले, बात की थी और तब भी उन्होंने मुझे अपने पिता और परिवार के अन्य सदस्यों का ध्यान रखने के लिए कहा था। हमने उन्हें रक्षाबंधन के त्योहार पर घर आने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने कहा कि यह संभव नहीं होगा क्योंकि वह एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन में व्यस्त हैं और उन्हें पहले उन आतंकवादियों को पकड़ना है। उन्होंने ऑपरेशन के बाद छुट्टी लेकर दिवाली पर घर आने का वादा किया था। लेकिन अब वह ऐसा नहीं करेंगे।”
कुलगाम में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी
हरप्रीत ने यह भी बताया कि उनके भाई ने फरवरी में अपनी शादी के आसपास बैंक से लोन लेकर घर का रेनोवेशन करवाया था, लेकिन वह खुद कम ही रहे। उन्होंने कहा, “हम दिवाली पर उनके आने का इंतजार कर रहे थे ताकि हम साथ मिलकर जश्न मना सकें। मेरा भाई हमेशा के लिए चला गया।” मृतक सैनिक के पिता हरबंस सिंह ने कहा, “साढ़े-बारे सोचदा-सोचदा चला गया। उसने दिवाली पर घर आने का वादा किया था। हम इंतजार कर रहे थे।”
हमें पड़ोसी देश के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए – हरप्रीत
एक प्राइवेट फैक्ट्री में काम करने वाले हरप्रीत कहते हैं, “अब हम सरकार से क्या मांग सकते हैं? हमने तो सब कुछ खो दिया है। सबको पता है कि हमारे देश में आतंकवादी पाकिस्तान से भेजे जाते हैं। इन ऑपरेशनों के बजाय, हमारी सरकार को पड़ोसी देश के खिलाफ पूरी कार्रवाई करनी चाहिए और उसे सबक सिखाने के लिए हर संभव कोशिश करनी चाहिए। ऐसा कब तक चलेगा।” साल का सबसे बड़ा ऑपरेशन