यूपी के हाथरस में मंगलवार को ‘भोले बाबा’ के सत्संग समारोह के बाद भगदड़ की घटना और बड़ी संख्या में लोगों की मौतों की जांच पड़ताल का काम तेज हो गया है। जिस जगह यह हादसा हुआ, वहां पर साक्ष्य एकत्र करने के लिए फॉरेंसिक विशेषज्ञों की टीम भी पहुंच गई है। वह अपने साथ डॉग स्क्वॉयड को भी ले गई है। यह घटना ‘भोले बाबा’ द्वारा आयोजित सत्संग के दौरान हुई थी। फॉरेंसिक टीम घटनास्थल के साक्ष्य एकत्र करने के साथ यह भी देखेगी कि भगदड़ कैसे मची।
आरोपियों के खिलाफ कई धाराओं में केस दर्ज
इस मामले में मंगलवार देर रात सिकंदराराऊ थाने में मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर और अन्य सेवादारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस अफसरों ने मीडिया को बताया कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 223 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा), 238 (साक्ष्यों को मिटाना) के तहत केस दर्ज किया गया है।
तहरीर में कहा गया, ‘‘आयोजकों ने पिछले कार्यक्रमों में पहुंची लाखों लोगों की भीड़ की स्थिति को छिपाते हुए इस बार 80 हजार अनुयायियों के इकट्ठा होने की बात प्रशासन को बताई थी। इसके अनुसार ही सुरक्षा की व्यवस्था की थी लेकिन सत्संग में ढाई लाख से ज्यादा लोग पहुंचे थे जिससे अव्यवस्था पैदा हो गई।’’
आरोप लगाया गया, ‘‘सत्संग के मुख्य प्रवचनकर्ता सूरजपाल उर्फ ‘भोले बाबा’ के प्रवचन के बाद वह अपनी गाड़ी में सवार होकर आयोजन स्थल से निकल रहे थे तभी अनुयायियों ने उनकी गाड़ी के मार्ग से धूल समेटना शुरू कर दिया। इस दौरान लाखों की भीड़ के दबाव के कारण कुछ लोग कुचल गए।’’
इसमें कहा गया, ‘‘भीड़ को आयोजन समिति और सेवादारों ने जबरन रोक दिया जिसकी वजह से भीड़ का दबाव बढ़ता गया और महिलाएं, बच्चे तथा पुरुष उसमें दबते-कुचलते चले गए। आयोजकों और सेवादारों के कारण बड़ी संख्या में निर्दोष लोग मारे गए और गंभीर रूप से घायल हुए।’’