Haryana Vidhan Sabha Chunav: हरियाणा विधानसभा चुनाव में अब एक महीने से भी कम का समय बचा है। इस बीच सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के सिरसा से उम्मीदवार रोहताश जांगड़ा ने सोमवार को कहा कि उन्होंने अपना नॉमिनेशन वापस ले लिया है। इसके बाद यह आसार हैं कि पार्टी हरियाणा लोकहित पार्टी के चीफ गोपाल कांडा को समर्थन दे सकती है।
गोपाल कांडा सिरसा से मौजूदा विधायक हैं और उन्होंने पहले भारतीय जनता पार्टी की सरकार को अपना समर्थन दिया था। जांगड़ा ने पीटीआई को बताया कि मैंने अपने नॉमिनेशन वापस ले लिया है। यह फैसला राज्य और देश के हित में लिया गया है। हमें कांग्रेस फ्री हरियाणा बनाना है। जब उनसे सवाल किया गया कि क्या उन्होंने कांडा के पक्ष में अपना नॉमिनेशन वापस लिया है तो जांगड़ा ने कहा कि गोपाल कांडा ने पांच साल तक हमारा यानी कि भारतीय जनता पार्टी का समर्थन किया है। हमने यह फैसला विकास के लिए लिया है।
रोहताश जांगड़ा को बीजेपी ने बनाया था उम्मीदवार
कांग्रेस की तरह भारतीय जनता पार्टी भी अब राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 89 सीटों पर ही इलेक्शन लड़ेगी। कांग्रेस पार्टी ने भिवानी की विधानसभा सीट को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के लिए छोड़ दिया है। बीते हफ्ते बीजेपी ने हरियाणा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की तीसरी और आखिरी लिस्ट जारी की थी। इसमें सिरसा से पार्टी ने रोहताश जांगड़ा को अपना उम्मीदवार घोषित किया था।
अशोक तंवर ने रोहताश जांगड़ा के नॉमिनेशन वापस लेने पर क्या कहा
भारतीय जनता पार्टी के नेता अशोक तंवर ने कहा कि यह पार्टी का फैसला था और रोहताश जांगड़ा ने अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया है। हमारा मुख्य उद्देश्य राज्य को कांग्रेस की झूठ और धोखे की राजनीति से दूर रखना है। उनका परिवार पिछले 45 सालों से देश और बीजेपी की सेवा में समर्पित है। बैठक में आगे की रणनीति तय की जाएगी।
गोपाल कांडा ने जीती थी ये सीट
रोहतास जांगड़ा का मुकाबला हरियाणा लोकहित पार्टी के गोपाल गोयल कांडा और कांग्रेस नेता गोकुल सेतिया से था। कांडा ने 2019 के विधानसभा चुनाव में यह सीट जीती थी। सेतिया तब निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ रहे थे, दूसरे नंबर पर रहे और लगभग 600 वोटों से चुनाव हार गए।
हरियाणा में कब हैं चुनाव
इंडियन नेशनल लोकदल ने गुरुवार को कहा कि वह सिरसा में कांडा को ही समर्थन दे रहे हैं। इनेलो ने मायावती की बहुजन समाज पार्टी के साथ में अलायंस किया है। दोनों साथ में ही चुनाव लड़ेंगी। बता दें कि हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए पांच अक्तूबर को वोटिंग होने वाली है और आठ अक्तूबर को वोटों की काउंटिंग होगी। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी इस बार जीत की हैट्रिक लगाने की जुगत में जुटी हुई है। इसको कांग्रेस पार्टी से कड़ी टक्कर मिल रही है। यह सत्ता विरोधी लहर का फायदा उठाने की कोशिश कर रही है।