कोरोना महामारी से मरने वालों को लेकर हरियाणा हेल्थ डिपार्टमेंट की रिपोर्ट से पता चला है कि ज्यादातर मरीजों में कोई और बीमारी नहीं थी। हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग से इंडियन एक्सप्रेस को मिले आंकड़ों से पता चला है कि राज्य में 17 मार्च तक कोविड-19 से मरने वाले 10,594 में से 3,952 में किसी दूसरे रोग से ग्रस्त नहीं थे। जबकि वायरस के संपर्क में आने के बाद मरने वाले 3,085 लोगों में कई तरह की बीमारियां पाई गई थी।
एक विश्लेषण से पता चला कि कोविड-19 से मरने वाले कम से कम 1,357 मरीजों में भी मधुमेह, 692 लोग उच्च रक्तचाप, और 392 मरीजों को सांस की बीमारी थी। वहीं 310 मरीज हृदय रोग और 178 लोग गुर्दे की बीमारी से पीड़ित थे। रिपोर्ट के मुताबिक 123 रोगी कैंसर के थे। वहीं 86 लोगों को जिगर संबंधी बीमारियां, 15 लोगों को एनीमिया और 245 रोगियों में विविध तरह की अन्य बीमारियां थीं।
रिपोर्ट में यह पाया गया कि कोविड -19 संक्रमण के कारण मरने वाले 2,727 रोगी 65-74 आयु वर्ग के थे। इसके बाद 55-64 आयु वर्ग के 2,547 रोगी थे। वहीं लगभग 45-54 आयु वर्ग के 1,741 रोगी थे। इसके अलावा 1,418 रोगी 75 से 84 साल, 497 रोगी 25 से 34 साल और 393 रोगी 85-94 वर्ष के थे।
वहीं पहली लहर के दौरान 16 नवंबर, 2020 को उच्चतम सकारात्मकता दर 16.36 प्रतिशत दर्ज की गई थी। 5 मई, 2021 को यह दर 30.51 प्रतिशत पहुंची थी। इस साल 27 जनवरी को दैनिक सकारात्मकता दर 17.87 प्रतिशत थी, जबकि बीते शनिवार को यह केवल 0.36 प्रतिशत दर्ज की गई।
पहली लहर के दौरान एक दिन में पॉजिटिव मामलों की सबसे अधिक संख्या 20 नवंबर, 2020 को दर्ज की गई। इसकी संख्या 3,104 थी। जबकि दूसरी लहर के दौरान यह 4 मई 2021 को बढ़कर 15,786 रही। वहीं शनिवार शाम को सिर्फ 39 नए मामले सामने आए। वहीं टीकाकरण में राज्य ने पहली खुराक के लिए 100 प्रतिशत और दूसरी खुराक के लिए 86 प्रतिशत कवरेज हासिल किया है।