Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा भाजपा में टिकट वितरण को लेकर अंतर्कलह थमने क नाम नहीं ले रही है। चुनाव के लिए भाजपा द्वारा अपनी दूसरी सूची में 21 उम्मीदवारों के नाम घोषित करने के कुछ ही घंटों के भीतर असंतुष्ट पार्टी नेताओं ने मंगलवार को अपने पदों और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देना शुरू कर दिया। कुछ दिनों पहले पहली सूची जारी होने के बाद इस्तीफों की झड़ी लग गई थी।
कम से कम तीन पार्टी नेताओं – हरियाणा विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष संतोष यादव, राज्य भाजपा प्रवक्ता सत्यव्रत शास्त्री और भाजपा राज्य कार्यकारी समिति के सदस्य शिव कुमार मेहता ने मंगलवार शाम तक अपने पदों के साथ-साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया।
भाजपा ने बुधवार को महेंद्रगढ़ से पांच बार विधायक रहे वरिष्ठ नेता रामबिलास शर्मा (73) को भी टिकट नहीं दिया। यह उनके भाजपा उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल करने के कुछ ही घंटों बाद हुआ।
हरियाणा भाजपा के उपाध्यक्ष संतोष यादव ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा , ‘मैंने 2014 का विधानसभा चुनाव अटेली से जीता था। एक समर्पित कार्यकर्ता होने और जमीनी स्तर पर काम करने के बाद भी… मैं अब निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ सकता हूं।’ यादव नारनौल से टिकट की तलाश में थे, जहां पार्टी ने दो बार के मौजूदा विधायक ओम प्रकाश यादव को मैदान में उतारा है।
सत्यव्रत शास्त्री ने कहा कि भाजपा कि अपने मूल्यों से दूर चली गई है और उन लोगों से प्रभावित है जो उनके विपरीत विचारधारा रखते हैं। उन्होंने कहा कि मैं भी चुनाव नहीं लड़ना चाहता था। लेकिन टिकट वितरण परेशान करने वाला है। अब मैं देखूंगा कि संगठन के लोगों को चुनाव में कैसे उतारा जाए। नारनौल से टिकट के एक और दावेदार शिव कुमार मेहता ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया। मेहता ने कहा कि मैं 45 साल से पार्टी के लिए काम कर रहा हूं। वे मुझे नजरअंदाज करते रहे और हर बार मुझे अगली बार के लिए तैयार रहने को कहते रहे। इस बार भी यही हुआ।
5 सितंबर को पार्टी द्वारा 67 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने के बाद कई लोगों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। पार्टी सांसद और उद्योगपति नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल ने हिसार से टिकट न मिलने पर बगावत कर दी। राज्य की पूर्व कैबिनेट मंत्री कविता जैन ने भी सोनीपत से टिकट न मिलने पर बगावत कर दी।
(विकास पाठक की रिपोर्ट)