बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने उत्तर प्रदेश की सपा सरकार को फिर कानून व्यवस्था के मुद्दे पर घेरा है। बसपा सुप्रीमो ने आरोप लगाया है कि अखिलेश सरकार जंगल राज चला रही है। आम आदमी का जीना मुहाल है। 2007 में भी मुलायम सिंह यादव के खिलाफ जंगलराज के मुद्दे पर ही बसपा यूपी में सत्ता में आई थी। मायावती ने गुरुवार को एलान किया कि अगली सरकार अगर बसपा की बनी तो सपा सरकार के संरक्षण में पल रहे गुंडों, माफियाओं और सांप्रदायिक तत्त्वों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा जाएगा।

मथुरा हिंसा की सीबीआइ जांच कराने की मांग दोहराते हुए मायावती ने सपा सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में सपा और भाजपा की बयानबाजी से लगता है कि यह प्रदेश की सपा सरकार और केंद्र की भाजपा सरकार की लापरवाही का परिणाम है। मायावती ने बसपा सरकार बनने की सूरत में अवैध कब्जों को खत्म करने की घोषणा भी की। सपा सरकार के कार्यकाल में विकास कार्य इटावा के सैफई तक ही सीमित रहने के विरोधी पार्टियों के आरोपों के बीच मायावती ने यह भी कहा कि 2017 के विधानसभा चुनाव में अगर बसपा जीती तो उनकी सरकार किसी क्षेत्र-विशेष या जाति-विशेष का विकास नहीं करेगी, बल्कि विकास के फायदे प्रदेश के हर क्षेत्र में पहुंचाएगी।

मायावती ने एक बयान जारी कर अपने राज में कानून व्यवस्था बेहतर होने की दुहाई दी है। उन्होंने याद दिलाया है कि उनके लिए कानून का राज सबसे अहम है। इसीलिए अपनी सरकार में उन्होंने अपराध में लिप्त होने पर अपने विधायकों और मंत्रियों तक को जेल भेजने में हिचक नहीं दिखाई। सपा सरकार पर तीखा हमला करते हुए दलित नेता ने कहा कि विकास का सूबे में सारा लाभ एक परिवार, एक जाति और एक खास क्षेत्र तक ही सीमित कर दिया गया है। बसपा इसके उलट सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय के सिद्धांत पर ही चलेगी।
मथुरा के हिंसक मामले के संदर्भ में मायावती ने सूबे की सपा सरकार के रवैए की तीखी आलोचना की और कहा कि दाल में कुछ नहीं बल्कि बहुत कुछ काला है। यदि ऐसा नहीं है तो सरकार को इस घटना की सीबीआइ जांच करानी चाहिए। उन्होंने सपा और भाजपा दोनों पर मिलीभगत का भी अरोप लगाया।

केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार के दो वर्ष पूरे होने के मौके पर मनाए जा रहे विकास पर्व पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार के विकास पर्व के बारे में मैं कहना चाहूंगी कि उच्च केंद्रीय मंत्रियों के दौरे से उत्तर प्रदेश की गरीब शोषित जनता का कुछ भला नहीं हो पा रहा है। सच्चाई यह है कि प्रदेश में भाजपा के मंत्रियों के दौरे मोदी सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल की घोर विफलता की ओर से लोगों का ध्यान बांटने की कोशिश है। भाजपा को समझ नहीं आ रहा कि विधानसभा चुनाव में सूबे की उस जनता का किस मुंह से सामना करेगी जिसने उसे 80 में से 73 लोकसभा सीटें दी थी। विहिप नेता साध्वी प्राची के मुसलमान मुक्त भारत बनाने के विवादास्पद बयान की निंदा करते हुए मायावती ने सांप्रदायिकता व घृणा फैलाने की कोशिशों पर केंद्र की खामोशी को अचरज की बात बताया।