हाल ही में भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की आत्मकथा बाय मैनी अ हैप्पी एक्सीडेंट रिलीज हुई है। इस किताब में हामिद अंसारी ने दावा किया है कि एक दिन प्रधानमंत्री मोदी उनसे मिलने के लिए अचानक उनके दफ्तर में आ गए थे। मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आप मेरी मदद नहीं कर रहे हैं जबकि आपसे बड़ी और महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों की उम्मीदें हैं।

अपनी किताब बाय मैनी अ हैप्पी एक्सीडेंट में हामिद अंसारी ने लिखा है कि एक दिन अचानक ही प्रधानमंत्री मोदी उनके दफ्तर में आ गए। उन्हें देखकर मैं हैरान हो गया लेकिन मैंने उनका स्वागत किया। मुलाकात के दौरान पीएम मोदी कहने लगे कि राज्यसभा के सभापति के रूप में आपकी यह भूमिका है कि कोई भी विधेयक हंगामे के बीच पारित ना हो जबकि उच्च सदन से विधेयक पारित कराने में अड़चन आ रही है। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने हामिद अंसारी से यह भी कहा कि आपसे आपसे बड़ी जिम्मेदारियों की उम्मीदें हैं लेकिन आप मेरी मदद नहीं कर रहे हैं। हालाँकि हामिद अंसारी ने कहा कि राज्यसभा में और बाहर लोगों के बीच उनका काम सबकी नजर में है। 

 हामिद अंसारी ने अपने किताब में यह भी लिखा है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को ऐसा लगता था कि लोकसभा में भारी बहुमत होने के कारण उसे राज्यसभा के नियमों को दरकिनार  करने का नैतिक अधिकार है। इस किताब में हामिद अंसारी ने अपने उस निर्णय का भी उल्लेख किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि बतौर सभापति वह राज्यसभा में कोई भी विधेयक हंगामे और शोर-शराबे में पारित नहीं होने देंगे। हामिद अंसारी के इस कदम का स्वागत सत्ता पक्ष के साथ विपक्षी दलों ने भी किया था।

गौरतलब है कि अंसारी के कार्यकाल के दौरान कांग्रेस सरकार ने हंगामे के बीच 13 बिल राज्यसभा से पारित कराए थे। ये विधेयक 2007 से 2014 के बीच पारित किए गए थे। इनमें मर्चेंट शिपिंग, कैरिज बाय रोड, कंपटीशन संशोधन, सिगरेट एंड अदर टौबेको प्रोडक्ट, एससी-एसटी पदों में आरक्षण, आईटी संशोधन, एम्स संशोधन, रेलवे एप्रोप्रिएशन और आंध्रप्रदेश पुनर्गठन जैसे विधेयक शामिल थे। हामिद अंसारी का उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति के तौर पर कार्यकाल 10 अगस्त 2017 को पूरा हुआ था।