ED Interrogation With Sonia Gandhi: नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ खत्म हो गई है। इसके बाद ईडी ने ये भी कह दिया है कि अब उन्हें दोबारा पूछताछ के लिए नहीं बुलाया जाएगा। ईडी ने 27 जुलाई को सोनिया गांधी से लगभग 3 घंटे तक पूछताछ की। कांग्रेस के जी-23 नेताओं गुलाम नबी आजाद, अशोक गहलोत और आनंद शर्मा ने ‘नेशनल हेराल्ड’ से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की सोनिया गांधी से पूछताछ के औचित्य को लेकर सवाल खड़े किए।
G-23 के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सोनिया गांधी की उम्र का हवाला देते हुए कहा उन्हें बार-बार पूछताछ के लिए बुलाया जाना उचित नहीं है। वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने यह भी कहा कि जब इस मामले में राहुल गांधी से 5 दिनों की पूछताछ हो चुकी है वो भी कई शिफ्ट्स में तो फिर सोनिया गांधी से पूछताछ का कोई मतलब नहीं है। खासकर उनकी उम्र को देखते हुए।
पहले जमाने की जंग में भी औरतों और बीमारों पर हाथ नहीं उठाते थे
पहले जमाने में जंग होती थी, खुले मैदान में। उस दौरान औरत और बीमार पर हाथ नहीं उठाने की परंपरा रही थी। ये परंपरा हमारे युद्धों में रही थी। मैं सरकार और ईडी से निवेदन करूंगा कि इस चीज को जेहन में रखें और इस हालत में सोनिया गांधी को बार-बार ईडी के सामने बुलाना उचित नहीं है। इन बेचारी बीमार औरत को क्यों परेशान कर रहे हैं। डॉक्टर उनके साथ हैं। ये काफी सबूत हैं।
जांच एजेंसी का प्रेशर तो युवा नहीं झेल पाते हैं वो तो बुजुर्ग हैं
राहुल जी नौजवान हैं, लेकिन सोनिया जी की उम्र काफी है, (वह) पिछले कुछ वर्षों से बीमार भी हैं। एजेंसी का दबाव तो युवा बर्दाश्त नहीं कर सकता, सोनिया गांधी तो फिर भी बुजुर्ग हैं। आजाद ने कहा कि इतने वर्षों से संगठन और एक राजनीतिक परिवार में रहने के कारण सोनिया जी ने भले ही राजनीतिक जानकारी हासिल की है, लेकिन इन सब तकनीकी बातों के बारे में वह कैसे जानेंगी।
जब एक मामला है, एक ही परिवार है तो पूछताछ अलग-अलग क्यों?
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि नेशनल हेराल्ड से जुड़े कौन से कागजात हैं जिनकी कई वर्षों से जांच की जा रही है? एक समय यह भी सुनने में आया था कि इस मामले में कुछ भी नहीं है। फिर भी राहुल गांधी जी से 5 दिनों तक पूछताछ क्यों की गई। जब मामला एक है, परिवार एक है, उसी मामले में राहुल गांधी से 5 दिन कई घंटों तक पूछताछ की गई, तो फिर उसी मामले में सोनिया जी को बुलाने के लिए क्या जरूरत थी?