इस्लामिक धर्मगुरु मुफ्ती सलमान अजहरी, जिन्हें अहमदाबाद में दर्ज कथित भड़काऊ भाषणों से संबंधित मामलों में जमानत मिल गई थी, को वडोदरा पुलिस ने गुरुवार रात उनके खिलाफ असामाजिक गतिविधि रोकथाम अधिनियम (PASA) लागू करने के बाद गिरफ्तार कर लिया था। उनके कई अनुयायी जेल के बाहर एकत्र हो गए थे, जिसके कारण उन्हें भारी सुरक्षा उपायों के बीच वडोदरा सेंट्रल जेल ले जाया गया।

पहले वह मुंबई के घाटकोपर में पांके शाह बाबा दरगाह में इमाम थे

मिस्र के काहिरा में अल-अजहर विश्वविद्यालय से पढ़ाई करने वाले अज़हरी इस्लाम के सुन्नी बरेलवी स्कूल के अनुयायी हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बायो के अनुसार वे मुंबई स्थित एक सुन्नी शोध विद्वान, वह धार्मिक संस्थान जामिया रियाज़ुल जन्नत और अल-अमान एजुकेशनल एंड वेलफेयर ट्रस्ट के संस्थापक हैं। कथित तौर पर उनकी लोकप्रियता बढ़ने से पहले वह मुंबई के घाटकोपर में पांके शाह बाबा दरगाह में इमाम थे और उन्हें देश भर के मुस्लिम समुदाय द्वारा आमंत्रित किया गया था।

पीआर टीम उनके उपदेशों के वीडियो को लगातार पोस्ट करती रहती हैं

सोशल मीडिया की वजह से अज़हरी को खासतौर पर युवाओं के बीच काफी लोकप्रियता है। उनके हजारों फॉलोअर्स हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनके भाषण काफी वायरल होते रहते हैं। इसके बाद उनकी ऑनलाइन मौजूदगी काफी ज्यादा हो गई है। उनकी पीआर टीम देश भर में उनके धार्मिक उपदेशों के वीडियो को लगातार पोस्ट करती रहती है।

फरवरी की शुरुआत में उनको गुजरात पुलिस ने पहली बार पकड़ा था

उनकी गिरफ्तारी के बाद भी अज़हरी की टीम नियमित रूप से उनके सोशल मीडिया हैंडल पर उनके खिलाफ तमाम मामलों की स्थिति पर अपडेट पोस्ट करती रही है। एक्स पर जहां उनके 92,000 से ज्यादा फॉलोअर्स हैं, वहीं इंस्टाग्राम पर उनके 7.83 लाख फॉलोअर्स हैं। 31 जनवरी को जूनागढ़ में कथित तौर पर दिए गए “नफरती भाषण” के सिलसिले में गुजरात पुलिस ने अज़हरी को 5 फरवरी को मुंबई में गिरफ्तार किया था। इसके बाद 31 जनवरी को कच्छ जिले के सामाखियारी गांव में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में कच्छ ईस्ट पुलिस ने मामला दर्ज किया और 8 फरवरी को उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

गुजरात की पुलिस जब उनको गिरफ्तार करने मुंबई के घाटकोपर पुलिस स्टेशन आई थी, तब उसके बाहर लगभग 3,000 लोगों की भीड़ जमा हो गई थी। भीड़ को हटाने और गुजरात पुलिस को सलमान अज़हरी को अपने साथ ले जाने के लिए रास्ता देने के लिए मुंबई पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था।

बाद में गुजरात पुलिस ने उनके खिलाफ तीसरा मामला दर्ज किया, जिसमें आईपीसी की धारा 153 (बी) (विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 505 (2) (सार्वजनिक उत्पात के पक्ष में बयान देना) के अलावा अज़हरी पर मोडासा में बोलते समय किसी व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से कथित तौर पर शब्द बोलने के लिए धारा 298 के तहत भी आरोप लगाया गया था। पुलिस ने एससी समुदाय के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए उनके खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम भी लागू किया।

अज़हरी को पहले उनके खिलाफ दर्ज दो मामलों में जमानत मिल गई थी। हालांकि जमानत मिलने के बाद जब वे बाहर जा रहे थे, वडोदरा पुलिस ने उनके खिलाफ PASA लागू कर दिया, जिसके बाद उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया और वर्तमान में वे सलाखों के पीछे है।

असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम की मुंबई इकाई के नेता वारिस पठान ने कहा कि उनके वकील यह व्यवस्था करने के लिए अज़हरी की टीम की मदद कर रहे हैं कि मामले में उचित प्रक्रिया का पालन किया जाए। हैदराबाद में वरिष्ठ कांग्रेस नेता उज़्मा शाकिर को शनिवार को एहतियातन हिरासत में ले लिया गया। वह अज़हरी के खिलाफ लगाए गए (PASA) को रद्द करने की मांग को लेकर राज्य बीजेपी कार्यालय के सामने धरने पर बैठी थीं।