सुनने में ये अजीब लगता है पर है सच। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की एक प्रदर्शनी में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर 200 उन लोगों के बीच लगाई गई है जिनका गुजरात से कोई संबंध रहा था। संघ अहमदाबाद के पिराना गांव में संघ की आल इंडिया रिप्रजेंटेटिव मीट होने वाली है। 11 से 13 मार्च तक होने वाले प्रोग्राम में खुद संघ प्रमुख मोहन भागवत भी शिरकत करने वाले हैं। जेपी नड्डा को भी इसमें आना है।
प्रदर्शनी में उन 200 लोगों को प्रदर्शित किया गया है जिन्होंने अपनी छाप छोड़ी और जिनका संबंध गुजरात से थे। इनमें गांधीजी के साथ दादा भाई नरौजी, धीरूभाई अंबानी, रतन टाटा, वर्गीज कुरियन और कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा को दर्शाया गया है। इसमें विक्रम साराभाई जैसे दिग्गजों के साथ अजीज प्रेमजी, विनोद मांकड, परवीन बॉबी, संजीव कुमार और डिंपल कपाड़िया जैसे शख्सियतों की फोटो भी शामिल है।
प्रोग्राम संघ की गुजरात यूनिट की तरफ से आयोजित किया जा रहा है। इसमें 12 हजार से ज्यादा लोगों के शिरकत करने की संभावना है। जिन्ना के फोटो के नीचे जो कैप्शन लिखा है उसके मुताबिक- एक बैरिस्टर जो पहले देशभक्त था पर बाद में उसने धर्म के आधार पर देश का बंटवारा करा दिया।
ध्यान रहे कि बीजेपी नेता जसवंत सिंह की जिन्ना पर लिखी किताब को गुजरात सरकार ने बैन कर दिया था। 2005 में बतौर उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी जब पाकिस्तान के अपने दौरे में जिन्ना की मजार पर गए और उन्हें महान बताया तो उनकी भी हर तरफ से आलोचना की गई थीं।
इवेंट के संयोजक शिरिष काशिकर का कहना है कि हमने उन लोगों के फोटो प्रदर्शनी में लगाए हैं जिन्होंने देश के लिए काम किया। जिन्ना के फोटो पर उनका कहना था कि संघ का आयोजन होने का ये मतलब नहीं है कि जो हमारी विचारधारा से जुड़े हों उनको ही प्रदर्शनी में शामिल किया जाए।
एक रिपोर्ट के अनुसार जिन्ना एक हिंदू परिवार में पैदा हुए थे। उनकी जड़ें गुजरात से जुड़ी थीं और वो लोहना जाति से ताल्लुक रखते थे। मछली के कारोबार के चलते समाज ने उनके परिवार का बहिष्कार कर दिया था। तब जिन्ना के पिता ने मुस्लिम धर्म अपना लिया और अपने चारों बेटों का नाम भी बदल दिया।
जिन्ना का परिवार मुख्य तौर पर गुजरात के काठियावाड़ के पनेली गांव का रहने वाला था। उनके दादा का नाम प्रेमजीभाई मेघजी ठक्कर था। मछली के कारोबार के चलते समाज ने उन्हें स्वीकार नहीं किया और उन्हें बहिष्कृत कर दिया। जिन्ना के पिता पुंजालाल ठक्कर ने इसके बाद अपना धर्म बदलने का फैसला ले लिया और मुस्लिम धर्म अपना लिया।