जीएसटी काउंसिल ने बुधवार को आम सहमति से GST में व्यापक सुधारों को मंजूरी दे दी। जीएसटी में 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो-स्तरीय कर संरचना को मंजूरी दी गयी है। नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी। इस फैसले से व्यक्तिगत उपयोग की लगभग सभी वस्तुओं पर दरों में कटौती की गयी है। वहीं व्यक्तिगत स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर टैक्स से पूरी तरह से राहत मिलेगी। वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस ने इसे लेकर सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आम लोगों द्वारा एकत्र किए गए करों से रिकॉर्ड जीएसटी संग्रह का जश्न मनाने के लिए केंद्र पर निशाना साधा और कहा कि पहली बार किसानों पर कर लगाया गया है ।

खड़गे ने कहा, “आज वही भाजपा सरकार रिकॉर्ड जीएसटी संग्रह का जश्न मना रही है, मानो आम लोगों से कर वसूलना कोई बड़ी उपलब्धि हो। देश के इतिहास में पहली बार किसानों पर कर लगाया गया है। इसी मोदी सरकार ने कृषि क्षेत्र की कम से कम 36 वस्तुओं पर जीएसटी लगाया था।”

कांग्रेस का आरोप- सरकार ने ‘एक राष्ट्र, एक कर’ को ‘एक राष्ट्र, नौ कर’ में बदल दिया

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कहा कि सरकार ने “एक राष्ट्र, एक कर” को “एक राष्ट्र, नौ कर” में बदल दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी एक दशक से जीएसटी में सुधारों की वकालत कर रही है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने X पर लिखा, “करीब एक दशक से कांग्रेस जीएसटी के सरलीकरण की मांग कर रही है। मोदी सरकार ने “एक राष्ट्र, एक कर” को “एक राष्ट्र, 9 कर” में बदल दिया। जिसमें 0%, 5%, 12%, 18%, 28% के टैक्स स्लैब और 0.25%, 1.5%, 3% और 6% की विशेष दरें शामिल थीं।”

कांग्रेस नेता ने बताया कि उनकी पार्टी ने जीएसटी का नाम बदलकर ” गब्बर सिंह टैक्स” रख दिया है, क्योंकि सरकार ने दैनिक आवश्यकताओं जैसे दूध, दही, आटा, अनाज और यहां तक ​​कि बच्चों की पेंसिल और किताबों के साथ-साथ ऑक्सीजन, बीमा और अस्पताल के खर्च पर भी कर लगा दिया है। उन्होंने दावा किया कि देश के जीएसटी संग्रह का दो-तिहाई हिस्सा मध्यम वर्ग से आता है, जबकि देश के अरबपतियों द्वारा केवल तीन प्रतिशत जीएसटी का भुगतान किया जाता है।

पढ़ें- जीएसटी दरों में कमी स्वागत योग्य- पूर्व वित्तमंत्री चिदंबरम 

कांग्रेस ने जीएसटी को दिया ‘गब्बर सिंह टैक्स’ नाम

खड़गे ने कहा, “दूध-दही, आटा-अनाज यहां तक कि बच्चों की पेंसिल-किताबें, ऑक्सीजन, बीमा और अस्पताल का खर्च – इन जैसी रोज़मर्रा की चीज़ों पर भी मोदी सरकार ने जीएसटी टैक्स लगा दिया है। हमने इसलिए इस भाजपा के जीएसटी को “गब्बर सिंह टैक्स” नाम दिया है। कुल जीएसटी का दो-तिहाई यानी 64% हिस्सा ग़रीब और मध्यम वर्ग की जेब से आता है लेकिन अरबपतियों से सिर्फ़ 3% जीएसटी वसूला जाता है जबकि कॉर्पोरेट टैक्स की दर 30% से घटाकर 22% कर दी गई है।”

पिछले पांच सालों में आयकर और जीएसटी संग्रह में वृद्धि को दर्शाते हुए, मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि केंद्र की नींद आखिरकार जाग गई है और उन्होंने दरों को युक्तिसंगत बनाने की बात कही है। उन्होंने सभी राज्यों के लिए मुआवजे की भी मांग की क्योंकि करों में कमी से उनके राजस्व पर असर पड़ सकता है। पढ़ें- किस पर कितना लगा जीएसटी, क्या सस्ता और क्या महंगा?