Nitin Gadkari: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को सार्वजनिक रूप से सरकारी व्यवस्थाओं को ‘अप्रभावी’ और ‘निकम्मा’ करार दिया। महाराष्ट्र के नागपुर के सुरेश भट ऑडिटोरियम में एक कार्यक्रम में बोलते हुए गडकरी ने नागपुर नगर निगम (NMC) और NIT जैसी नागरिक और प्रशासनिक संस्थाओं पर निशाना साधते हुए कहा कि ये संस्थाएं केवल ‘चलती गाड़ी को पंक्चर’ करने का काम करती हैं।
गडकरी ने कहा कि चाहे एनएमसी हो, एनआईटी हो या कोई और सरकारी एजेंसी इनमें से कोई भी उपयोगी नहीं है। ये चलती गाड़ी को पंक्चर करने का काम करती हैं, इसलिए हमें काम करने के वैकल्पिक तरीके खोजने होंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मेरी बहुत इच्छा है कि मैं नागपुर में खेलने के लिए 300 स्टेडियम बनाना है। मेरे 4 साल के अनुभव के बाद मुझे ये समझ आया कि सरकार जो चीज होती है बहुत निकम्मी होती है।
फ्रीबीज यानी ‘मुफ्त की योजनाओं’ पर निशाना साधते हुए गडकरी ने कहा कि मैं तो राजनीति में हूं, यहां तो फोकट का बाजार लगा होता है। हर चीज लोगों को फोकट में चाहिए।
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गडकरी ने दुबई का एक उदाहरण दिया जहां एक निजी संचालक ने एक स्टेडियम का सफलतापूर्वक प्रबंधन किया। गडकरी ने बताया कि दुबई का एक व्यक्ति जो वहां स्टेडियम चलाता है, उसे अब नागपुर में भी इसी तरह की एक परियोजना सौंपी गई। सरकार जमीन, पानी और बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराएगी, लेकिन सुविधा के संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी उसी की होगी। फोकट में किसी को कुछ नहीं सिखाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि वह विभिन्न खेलों में भाग लेने वाले युवाओं से एक छोटी सी फीस लेंगे, क्योंकि मुफ़्त सेवाओं की कभी कद्र नहीं होती, जब लोग भुगतान करते हैं, तो वे चीजों को गंभीरता से लेते हैं और ज्यादा मेहनत करते हैं।