सोने के आभूषणों से लदे रहने वाले गोल्डन बाबा नहीं रहे। लंबी बीमारी के बाद नई दिल्ली के AIIMS अस्पताल में मंगलवार को उनका निधन हो गया। बताया जाता है कि उन्हें कैंसर था।

गोल्डन बाबा का असली नाम- सुधीर कुमार मक्कड़ था। वह  मूलरूप से यूपी के गाजियाबाद के निवासी थे। बीते कुछ सेय से वह इंदिरापुरम की गीसी ग्रांड सोसायटी में रह रहे थे, जबकि संन्यासी से पहले वह कारोबारी थे।

बाबा की सोसोयटी के अध्यक्ष अमरीश गर्ग के हवाले से कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था- बुधवार सुबह यहां के लोगों को उनके देहांत की खबर मिली। उनका फ्लैट बंद और वहां ताला लटका है।

दिल्ली के गांधी नगर इलाके में उनका कपड़े का कारोबार था। कहा जाता है कि अपने पापों का प्रायश्चित करने के लिए उन्होंने गृहस्थ जीवन छोड़ संन्यास की राह अपना ली थी।

मक्कड़, सोने के शौकीन भी थे और उसे अपना ईष्ट भी मानते थे। वह इसलिए हर समय शरीर पर ढेर सारे सोने के आभूषण पहने रहते थे। साल 1972 से वह सोना इसी तरह पहन रहे थे। उनके गहनों में मोटी चेनें, लॉकेट, ब्रेसलेट, अंगूठी और बाजूबंद आदि होते थे। वह इसके अलावा Rolex की घड़ी भी पहनते थे।

बेशकीमतों गहनों के कारण कोई उनकी हत्या कर दे या करा दे, लिहाजा वह 20 से अधिक बॉडीगार्ड्स भी रखते थे। गोल्डन बाबा का क्रिमिनल रिकॉर्ड भी रहा है। पूर्वी दिल्ली में उनके खिलाफ मारपीट, जान से मारने की धमकी देने, जबरन वसूली, अपहरण और फिरौती आदि के कई मामले दर्ज हुए।

कावंड़ यात्रा (2018) में 21 लग्जरी कारों और 20 किलोग्राम सोना पहनकर वह चर्चा में आए थे। मक्कड़ ने अपना एक आश्रम भी बनाया था और वह उत्तराखंड में हरिद्वार के कुछ अखाड़ों से भी जुड़े थे।