नेपाल में काम कर फ्रहे कुछ चीनी नागरिक मंगलवार को स्थानीय लोगों से भीड़ गए। नेपाल ने भी कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए देश को लॉकडाउन कर दिया है। नेपाल के मार्सांग्डी में रहने वाले कुछ लोग लामजुंग में जलविद्युत संयंत्र का निर्माण करने वाली एक चीनी कंपनी के नियोक्ताओं के साथ भिड़ गए। एक स्थानीय ऑनलाइन मीडिया पोर्टल, खाबरहुब ने बताया कि ग्रामीणों ने लामजुंग जिले में थुलोबेसी स्थित न्यादी हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट की निर्माण सामग्री ले जाने वाले ट्रकों की आवाजाही का विरोध किया। जिसके बाद दो गुटों में झड़प हो गई।

स्थानीय लोग उत्तेजित थे क्योंकि चीनी कामगार कुछ दिन पहले ही चीन से वापस आए थे। कोरोना की शुरुआत चीन से ही हुई है। इस महामारी के चलते दुनिया भर में हजारों लोगों को मौत हो गई है। स्थानीय लोगों ने गांव के अंदर आने वाला रास्ता ब्लॉक कर दिया ताकि कोई आ जा न सके। जब जल विद्युत संयंत्र की निर्माण सामग्री लेकर आ रहे दो ट्रकों ने ब्लॉक हटाकर अंदर आने की कोशिश की तो गुस्साए लोगों ने उनका विरोध किया।

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नेपाली समाचार पोर्टल खाबरहुब ने कहा कि स्थानीय लोगों को डराने के लिए चीनी ने स्वदेशी खंजर ‘खुसरो’ का इस्तेमाल किया। जिसके बाद स्थानीय लोगो भड़क गए और दोनों गुटों के बीच झड़प हो गई।

नेपाल ने बढ़ते कोरोनोवायरस मामलों को ध्यान में रखते हुए पड़ोसी देशों के साथ अपनी सीमाओं को सील कर दिया है। नेपाल में अबतक पांच पॉज़िटिव मामले सामने आए हैं।


बता दें अरुणाचल प्रदेश के कांग्रेस विधायक निनोंग इरिंग ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को खत लिखा है। इसमें उन्होंने कहा है कि भारत सरकार को अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (ICJ) जैसे अंतरराष्ट्रीय फोरम पर इस मुद्दे को उठाना चाहिए। इस जैविक युद्ध के लिए चीन से 22 अरब डॉरल हर्जाने की मांग की जाए।

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