दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर परेड निकालने के दौरान लाल किले समेत कई स्थानों पर किसानों के हिंसक हो जाने और और तोड़फोड़ करने के मामले में पुलिस-प्रशासन सख्त हो गया है। गुरुवार को गाजियाबाद प्रशासन ने आंदोलनकारी किसानों को रात तक दिल्ली गेट खाली करने का अल्टीमेटम दिया है। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि इसका पालन नहीं हुआ तो जबरन वहां से खाली करा लिया जाएगा।
उधर, दिल्ली पुलिस ने हिंसा के संबंध में दर्ज प्राथमिकी में नामजद किसान नेताओं के विरुद्ध गुरुवार को ‘लुक आउट’ नोटिस जारी किया। इसके साथ ही अपनी जांच तेज करते हुए पुलिस ने लाल किले पर हुई हिंसा के संबंध में राजद्रोह का मामला दर्ज किया है। पुलिस ने किसान नेताओं को तीन दिनों का समय देते हुए यह बताने को कहा है कि क्यों नहीं उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए क्योंकि उन्होंने परेड के लिए तय शर्तों का पालन नहीं किया।
सूत्रों ने कहा कि दोषियों का पता लगाने के लिए लगभग नौ टीमों का गठन किया गया है। हालांकि इस संबंध में अभी तक पुलिस की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। एक दिन पहले दिल्ली के पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने कहा था कि हिंसा में शामिल किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। श्रीवास्तव ने गुरुवार को पुलिस मुख्यालय में विशेष पुलिस आयुक्त (खुफिया) और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की।
A notice has been served to them (farmers) under Section 133 of CrPC (conditional order for removal of nuisance): Ghaziabad ADM City Shailendra Kumar Singh at Ghazipur border pic.twitter.com/8tGIsrSV8T
— ANI (@ANI) January 28, 2021
श्रीवास्तव ने पीटीआई-भाषा को बताया, “दिल्ली पुलिस ने दर्ज प्राथमिकी में नामजद किसान नेताओं के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है।” पुलिस ने प्राथमिकी में राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव और मेधा पाटकर समेत 37 किसान नेताओं के नाम दर्ज किए हैं। इस प्राथमिकी में हत्या की कोशिश, दंगा और आपराधिक साजिश के आरोप लगाए गए हैं। प्राथमिकी में दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, कुलवंत सिंह संधू, सतनाम सिंह पन्नू, जोगिंदर सिंह उगराहा, सुरजीत सिंह फूल, जगजीत सिंह दालेवाल, बलबीर सिंह राजेवाल और हरिंदर सिंह लाखोवाल के नाम भी हैं।
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने आरोप लगाया है कि हिंसा के पीछे साजिश थी। हिंसक घटनाओं में 394 पुलिसकर्मी घायल हो गए और एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई थी।