PM Modi Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम को संबोधित किया। इसमें पीएम मोदी ने कहा, कुछ दिन पहले हम सभी ने दिवाली मनाई और अब बड़ी संख्या में लोग छठ पूजा में व्यस्त हैं। छठ का महापर्व संस्कृति, प्रकृति और समाज की गहरी एकता का प्रतिबिंब है। समाज का हर वर्ग छठ घाटों पर एक साथ आता है। यह नजारा भारत की सामाजिक एकता का सबसे सुंदर उदाहरण है। त्योहारों के इस अवसर पर, मैंने आप सभी को अपनी भावनाओं को साझा करते हुए एक पत्र लिखा था। पत्र में, मैंने देश की उन उपलब्धियों का उल्लेख किया था जिन्होंने इस वर्ष के त्योहारों को और भी जीवंत बना दिया है। मेरे पत्र के जवाब में, मुझे देश के कई नागरिकों के संदेश मिले हैं।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर ने हर भारतीय को गर्व से भर दिया है। इस बार, उन इलाकों में भी खुशी के दीये जलाए गए जहां कभी माओवादी आतंक का अंधेरा छाया रहता था। लोग माओवादी आतंक का पूर्ण उन्मूलन चाहते हैं जिसने उनके बच्चों के भविष्य को खतरे में डाल दिया है।”

जीएसटी बचत उत्सव को लेकर लोगों में काफी उत्साह- पीएम मोदी

पीएम ने कहा, “जीएसटी बचत उत्सव को लेकर भी लोगों में काफी उत्साह है। इस बार त्योहारों के दौरान भी कुछ ऐसा ही सुखद माहौल देखने को मिला। बाजारों में स्वदेशी वस्तुओं की खरीदारी में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। मैंने अपने पत्र में खाद्य तेल की खपत में 10% की कमी करने का भी आग्रह किया था और लोगों ने इस पर भी काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।”

गार्बेज कैफे का पीएम मोदी ने किया जिक्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में गार्बेज कैफे चलाए जा रहे हैं। ये ऐसे कैफे हैं जहां प्लास्टिक कचरे के बदले आपको भरपेट खाना मिलता है। अगर कोई एक किलो से ज्यादा प्लास्टिक लाता है, तो उसे दोपहर या रात का खाना दिया जाता है और आधा किलो प्लास्टिक के बदले उसे नाश्ता मिलता है। ये कैफे अंबिकापुर नगर निगम द्वारा चलाए जाते हैं।”

गुजरात वन विभाग ने मैंग्रोव के लिए विशेष मुहिम चलाई – प्रधानमंत्री

पीएम ने कहा, “गुजरात के वन विभाग ने मैंग्रोव के महत्व को समझते हुए खास मुहिम चलाई हुई है। पांच साल पहले वन विभाग की टीमों ने अहमदाबाद के नजदीक धोलेरा में मैंग्रोव लगाने का काम शुरू किया था और आज धोलेरा तट पर साढ़े तीन हजार हेक्टेयर में मैंग्रोव फैल चुके हैं। मैंग्रोव का असर आज पूरे क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। वहां के इकोसिस्टम में डॉल्फिन की संख्या बढ़ गई है। केकड़े और दूसरे जलीय जीव भी पहले से ज्यादा हो गए हैं। यही नहीं, अब यहां प्रवासी पक्षी भी काफी संख्या में आ रहे हैं। इससे वहां के पर्यावरण पर अच्छा प्रभाव तो पड़ा ही है, धोलेरा के मछली पालकों को भी फायदा हो रहा है।”

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, “करीब पांच वर्ष पहले मैंने इस कार्यक्रम में भारतीय नस्ल के ‘श्वान’ यानी डॉग्स की चर्चा की थी। मैंने देशवासियों के साथ ही अपने सुरक्षा बलों से आग्रह किया था कि वे भारतीय नस्ल के Dogs को अपनाएं, क्योंकि वो हमारे परिवेश और परिस्थितियों के अनुरूप ज्यादा आसानी से ढल जाते हैं। BSF और CRPF ने अपने दस्तों में भारतीय नस्ल के Dogs की संख्या बढ़ाई है।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “पिछले साल लखनऊ में ऑल इंडिया पुलिस ड्यूटी मीट में रिया नाम के एक डॉग ने सबका ध्यान खींचा। यह बीएसएफ द्वारा प्रशिक्षित मुधोल हाउंड है। रिया ने कई विदेशी नस्लों को पीछे छोड़ते हुए वहां प्रथम पुरस्कार जीता। हमारे स्वदेशी कुत्तों ने भी अद्भुत साहस का परिचय दिया है। पिछले साल छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित इलाके में गश्त के दौरान सीआरपीएफ के एक स्वदेशी कुत्ते ने 8 किलोग्राम विस्फोटक का पता लगाया था। मैं बीएसएफ और सीआरपीएफ को इस दिशा में उनके प्रयासों के लिए बधाई देता हूं।”

रन फॉर यूनिटी में आप सभी शामिल हों- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, “सरदार पटेल की 150वीं जयंती पूरे देश के लिए एक बहुत ही विशेष अवसर है। सरदार पटेल आधुनिक समय में राष्ट्र के महानतम दिग्गजों में से एक रहे हैं। गांधीजी से प्रेरित होकर, उन्होंने स्वयं को स्वतंत्रता आंदोलन के लिए समर्पित कर दिया। ‘खेड़ा सत्याग्रह’ से लेकर ‘बोरसद सत्याग्रह’ तक, अनेक आंदोलनों में उनके योगदान को आज भी याद किया जाता है। अहमदाबाद नगर पालिका के प्रमुख के रूप में उनका कार्यकाल भी ऐतिहासिक रहा। उन्होंने स्वच्छता और सुशासन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। उन्होंने देश की एकता और अखंडता के लिए अद्वितीय प्रयास किए। मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि 31 अक्टूबर, सरदार साहब की जयंती पर, देश भर में आयोजित की जा रही ‘रन फॉर यूनिटी’ में भाग लें और न केवल अकेले, बल्कि दूसरों के साथ भी इसमें भाग लें।”

वन्देमातरम् का पीएम मोदी ने किया जिक्र

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ‘वन्देमातरम्’ इस एक शब्द में कितने ही भाव हैं, कितनी ऊर्जाएं हैं। सहज भाव में ये हमें माँ भारती के वात्सल्य का अनुभव कराता है। यही हमें मां भारती की संतानों के रूप में अपने दायित्वों का बोध कराता है। अगर कठिनाई का समय होता है तो ‘वन्देमातरम्’ का उद्घोष 140 करोड़ भारतीयों को एकता की ऊर्जा से भर देता है। 7 नवंबर को हम ‘वन्देमातरम्’ के 150वें वर्ष के उत्सव में प्रवेश करने वाले हैं। 150 वर्ष पूर्व ‘वन्देमातरम्’ की रचना हुई थी और 1896 में गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने पहली बार इसे गाया था।”

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भारत की कॉफी बहुत फेमस हो रही- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “आप सभी चाय से मेरे जुड़ाव के बारे में जानते हैं, लेकिन आज मैंने सोचा, क्यों न मन की बात में कॉफी पर भी चर्चा की जाए। ओडिशा के कई लोगों ने कोरापुट कॉफी के बारे में अपनी भावनाएं मेरे साथ साझा कीं। मुझे बताया गया है कि कोरापुट कॉफी का स्वाद लाजवाब है और सिर्फ इतना ही नहीं, स्वाद के अलावा, कॉफी की खेती से भी लोगों को फायदा हो रहा है। कोरापुट में ऐसे लोग हैं जो अपने जुनून से कॉफी की खेती कर रहे हैं। भारतीय कॉफी पूरी दुनिया में बहुत लोकप्रिय हो रही है। इसलिए कॉफी लवर कहते हैं, भारत की कॉफी अपनी सर्वोत्तम कॉफी है।”

पीएम मोदी ने आगे कहा, “यह भारत में ही बनती है और दुनिया भर में पसंद की जाती है। चाहे कर्नाटक का चिकमंगलूर, कुर्ग और हसन हो, तमिलनाडु का पुलनी, शेवरॉय, नीलगिरी और अन्नामलाई का इलाका हो, कर्नाटक-तमिलनाडु सीमा पर स्थित बिलिगिरी क्षेत्र हो या केरल का वायनाड, त्रावणकोर और मालाबार का इलाका हो, भारतीय कॉफी की विविधता वाकई अद्भुत है। मुझे बताया गया है कि हमारा पूर्वोत्तर भी कॉफी की खेती में प्रगति कर रहा है।”

आजादी के बाद भी संस्कृत लगातार उपेक्षा का शिकार हुई- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, “दुर्भाग्य से गुलामी के कालखंड में और आजादी के बाद भी संस्कृत लगातार उपेक्षा का शिकार हुई। इस वजह से युवा-पीढ़ियों में संस्कृत के प्रति आकर्षण भी कम होता चला गया। लेकिन साथियों, अब समय बदल रहा है, तो संस्कृत का भी समय बदल रहा है। संस्कृति और सोशल मीडिया की दुनिया ने संस्कृत को नई प्राणवायु दे दी है। इन दिनों कई युवा संस्कृत को लेकर बहुत रोचक काम कर रहे हैं।”