राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) चीफ शरद पवार ने साल 2015 में मराठी भाषा में प्रकाशित अपनी आत्मकथा ‘लोक माझे सांगाती’ में गौतम अडानी की प्रशंसा करते हुए कहा था कि वो एक मेहनती, साधारण, जमीन से जुड़े और कुछ बड़ा करने की महत्वाकांक्षा रखने वाले शख्स हैं। पवार ने लिखा है कि उनके आग्रह पर ही अडानी ने थर्मल पॉवर में कदम रखा।
पवार ने अपनी किताब में बताया कि अडानी ने किस तरह से मुंबई लोकल ट्रेन में एक सेल्समैन का काम करने से लेकर अपना साम्राज्य खड़ा किया। राकांपा चीफ के मुताबिक मुंबई लोकल में काम करते हुए अडानी ने छोटे उद्यमों में हाथ आजमाया। फिर वो हीरा कारोबारी बने।
पवार ने लिखा- गौतम हीरा कारोबार में अच्छी कमाई कर रहे थे लेकिन उनकी इसमें रुचि नहीं थी। वो बड़ा करना चाहते थे। गुजरात के मुख्यमंत्री चिमनभाई पटेल के साथ उनके अच्छे संबंध थे और उन्होंने मुंद्रा में एक बंदरगाह के विकास का एक प्रस्ताव पेश किया था।
पवार ने लिखा- थर्मल पॉवर सेक्टर में अडानी मेरी वजह से आए
उन्होंने लिखा कि पटेल ने अडानी को आगाह किया था कि यह बंदरगाह पाकिस्तान सीमा के करीब है। बकौल पवार विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अडानी ने चुनौती स्वीकार की। पवार ने लिखा कि बाद में अडानी ने कोयला क्षेत्र में कदम रखा और उनके ही सुझाव पर अडानी थर्मल पॉवर सेक्टर में उतरे। पवार ने लिखा कि वो उस समय केंद्रीय कृषि मंत्री थे। महाराष्ट्र के गोंदिया में राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल के पिता की पुण्यतिथि पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने अडानी को ये सुझाव दिए थे। पवार ने कहा कि उनकी बात मानकर गौतम ने भंडारा में थर्मल पॉवर प्लांट लगाया।
पवार ने किताब में बताया कि कैसे उन्होंने अपने दशकों पुराने राजनीतिक करियर के दौरान महाराष्ट्र में विकास के लिए कई उद्योगपतियों के साथ ताल्लुकात बढ़ाए। राकांपा प्रमुख पवार ने कहा कि वह उद्योगपतियों के साथ नियमित संपर्क में रहते थे। कारोबारी किसी भी दिन दोपहर दो बजे से शाम चार बजे के बीच समय लिए बिना उनसे मिल सकते थे।
पवार बोले- मैं और चिमनभाई करते थे एक दूसरे की मदद
पवार ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री चिमनभाई पटेल के साथ अपने संबंध को याद किया, जो बड़ी परियोजनाओं को महाराष्ट्र भेज देते थे। पवार ने कहा कि उन्होंने इसके बदले गुजरात में कुछ छोटी परियोजनाओं को भेजा। यह एक ऐसी व्यवस्था थी जिसने यह सुनिश्चित किया कि दोनों राज्य आर्थिक मोर्चे पर ऊंचाइयों को छुएं।
गौरतलब है कि विपक्षी दलों की अडानी समूह की जेपीसी से जांच कराने की मांग के बीच पवार ने उनकी कामकाज की। बकौल पवार जांच सुप्रीम कोर्ट की समिति से कराई जानी चाहिए। पवार ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को लेकर कहा कि उन्हें लगता है कि अडानी को निशाना बनाया जा रहा है।