Gauri Lankesh Murder Case: कर्नाटक हाई कोर्ट ने मंगलवार को सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकरा गौरी लंकेश की हत्या के आरोपी तीन लोगों को जमानत दे दी है। गौरी लंकेश की 2017 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
कलबुर्गी पीठ के जस्टिस एस विश्वजीत शेट्टी ने अमित दिगवेकर, केटी नवीन कुमार और एचएल सुरेश को जमानत दी है। जस्टिस शेट्टी ने 2 जुलाई को तीनों जमानत याचिकाओं पर आदेश सुरक्षित रख लिया था।
तीनों आरोपियों ने सह-आरोपी मोहन नायक के मामले का हवाला देते हुए जमानत के लिए आवेदन किया, जिसे हाई कोर्ट ने मुकदमे में देरी के आधार पर दिसंबर 2023 में जमानत दे दी थी।
नायक ने मुकदमे की समाप्ति में देरी के आधार पर जमानत मांगी थी और कहा था कि मामले में कुल 527 आरोपपत्र गवाह थे, लेकिन उस समय केवल 90 की ही जांच की गई थी।
हालांकि, राज्य ने उनकी जमानत याचिकाओं का विरोध किया और हाई कोर्ट की धारवाड़ पीठ के एक आदेश का हवाला दिया, जिसमें विद्वान और कार्यकर्ता एमएम कलबुर्गी की हत्या के आरोपियों की जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था। 5 सितंबर, 2017 की रात को पश्चिमी बेंगलुरु स्थित उनके घर के बाहर दो मोटरसाइकिल सवार हत्यारों ने लंकेश की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
क्या है पूरा मामला
5 सितंबर, 2017 को काम से घर लौटते समय गौरी लंकेश की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अमोल काले पर हत्या की साजिश रचने और मुख्य साजिशकर्ता होने का आरोप लगाया गया था, जबकि परशुराम वाघमोरे पर गोलीबारी करने और गणेश मिस्किन पर बाइक चलाकर भागने में उनकी मदद करने का आरोप लगाया गया था।
इस मामले में अमोल काले, परशुराम वाघमोरे, गणेश मिस्किन, अमित बाड, अमित देगवेकर, भरत कुराने, सुरेश एचएल, राजेश बंगेरा, सुधन्वा खुदेकर, शरद कलस्कर, मोहन नाइक, वासुदेव सूर्यवंशी, सुजीत कुमार, मनोहर एडव, विकास पाटिल, श्रीकांत पाटिल नवीन कुमार और ऋषिकेश देवडीकर आरोपी हैं।