LAC पर भारत और चीन के बीच विवाद को लेकर 15 और 16 जून की रात को खूनी झड़प के दौरान निहत्थे भारतीय सैनिकों को चीनियों ने बल्ले, स्टिक्स, पत्थरों से मारा था। बेहद ठंडे इलाके में उन्होंने देश के कई सैनिकों को गलवान नदी में भी फेंका, जिसका पानी आमतौर पर खासा ठंडा रहता है। हालांकि, इससे 10 दिन पहले भी दोनों मुल्कों के सैनिकों के बीच एक बड़ी भिड़ंत हुई थी।
पांच और छह मई की रात Pangong Tso के पास दोनों देशों के सैनिकों के बीच बड़ी भिड़ंत हुई थी, जिसमें तकरीबन 70 भारतीय जवान जख्मी हुए थे। ऐसे अधिकतर झड़पों में पीएलए (चीनी सेना) के जवानों ने अधिक चोट पहुंचाने के लिए बल्ले, तार लिपटे गदे, डंडे और पत्थरों का इस्तेमाल किया था।
कहा जा रहा है कि सोमवार की ताजा झड़प में नोंकदार सामानों से हमला करने के बजाय कुछ जवानों को गलवान नदी के अत्यधिक ठंडे पानी में धकेला गया। अधिकतर जवानों की जान इस हाई एल्टीट्यूड वाले इलाके में भयंकर ठंड का शिकार होने के बाद भी गईं।
चीन के कितने सैनिक इस झड़प में खून-खच्चर हुए? फिलहाल इस बारे में सेना और विदेश मंत्रालय के आधिकारिक बयानों में कोई जानकारी नहीं दी गई। हालांकि, मंगलवार को सेना के आए बयान में इतना जरूर कहा गया था- कैजुअल्टी दोनों ओर हुई हैं। वहीं, चीनी सरकार और वहां की सेना ने भी मारे और घायल हुए सैनिकों की संख्या का खुलासा नहीं किया।
Indo-China Tension LIVE Updates
वैसे, समाचार एजेंसी ANI ने रेडियो ट्रांसमिशन इंटरसेप्ट्स के आधार पर बताया था कि 43 चीनी सैनिक इस झड़प में मारे गए हैं या जख्मी हुए हैं। usnews.com की एक अन्य रिपोर्ट में ‘अमेरिकी इंटेलिजेंस’ के हवाले से कहा गया कि एक अफसर समेत 35 चीनी फौजी मारे गए हैं।
बता दें कि मंगलवार को मेजर जनरल स्तर पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच बैठक हुई, जो कि देर शाम तक चली। स्थिति इसके बाद नियंत्रण में आई और भारत को उसके बाद शहीद जवानों के पार्थिव शरीर लाने दिए गए। इसी बीच, चीनियों को अपने घायल जवानों को वापस ले जाने के लिए हेलीकॉप्टर लाने की मंजूरी दी गई थी।