भाजपा सदस्य गजेंद्र चौहान को भारतीय फिल्म और टेलिवीजन संस्थान (एफटीआइआइ) अध्यक्ष पद से हटाने के लिए पिछले 52 दिन से आंदोलन कर रहे करीब 80 छात्र रविवार को दिल्ली रवाना हो गए।

दिल्ली में वो जंतर-मंतर से संसद भवन की ओर कूच करेंगे। संस्थान के छात्र 12 जून से ही चौहान की नियुक्ति के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि चौहान के पास एफटीआइआइ में पद हासिल करने के लिए उनके पास दूरदृष्टि और कलात्मक योग्यता नहीं है।

मशहूर टीवी धारावाहिक महाभारत में युधिष्ठिर की भूमिका निभाने वाले चौहान ने पद छोड़ने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि वह पद के लिए उपयुक्त हैं और उनकी नियुक्ति करने वाली केंद्र सरकार के कहने पर ही वह पद छोड़ेंगे।

एफटीआइआइ छात्र संगठन (एफएसए) के प्रतिनिधि रणजीत नायर ने रविवार को कहा, ‘हम जंतर-मंतर से अपना मार्च शुरू करेंगे और संसद मार्ग की तरफ बढ़ेंगे। हमारे साथ समान विचारधारा वाले संगठनों के कार्यकर्ता भी होंगे जो इस मुद्दे पर अपनी एकजुटता दिखाएंगे।’

एफटीआइआइ छात्रों का आंदोलन पिछले शुक्रवार को तब राजनीतिक रंग पकड़ने लगा जब कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने एफटीआइआइ परिसर का दौरा किया। वहां उन्होंने छात्रों से बात की। आरएसएस की विचारधारा पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि यह विभिन्न संस्थानों में व्यवस्थागत तरीके से औसत दर्जे के लोगों को बढ़ावा दे रही है।

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि वह छात्रों की मांग पर तब तक विचार नहीं करेगा जब तक वे अपना आंदोलन छोड़कर कक्षाओं की तरफ नहीं लौट आते हैं। इससे पहले दिल्ली में तीन जुलाई को सूचना और प्रसारण मंत्री अरुण जेटली के साथ हुई एफएसए प्रतिनिधियों की बैठक में गतिरोध का कोई हल नहीं निकल सका था। छात्रों को चेतावनी दी गई है कि अगर वे कक्षाओं में नहीं लौटते हैं तो उन पर कार्रवाई करते हुए उन्हें संस्थान से निष्कासित किया जा सकता है।

पिछले महीने एफटीआइआइ विद्यार्थियों के संगठन ने विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने और सरकारी से अनपयुक्त लोगों की नियुक्ति रद्द करने और भावी नियुक्तियों के लिए पारदर्शी प्रक्रिया अपनाने की अपील करने का अनुरोध किया था।

अनुपम खेर, ऋषि कपूर, रणबीर कपूर, सलमान खान जैसे कई अभिनेता प्रदर्शनकारी छात्रों के समर्थन में सामने आ गए हैं। उन्होंने चौहान की नियुक्ति का खुलेआम विरोध किया है।