बीते पांच राज्यों के चुनावों में चार राज्यों उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार बनाने में कामयाब हुई है। वहीं कांग्रेस का प्रदर्शन पांच राज्यों में बेहद लचर देखने को मिला है। ऐसे में भाजपा के बढ़ते जनाधार और कांग्रेस की नाजुक हालत के बीच कई क्षेत्रीय दलों द्वारा तीसरा फ्रंट बनाने की तैयारी शुरू कर दी गयी है।
बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर एक नये मौर्चे के निर्माण के लिए 10 क्षेत्रीय सियासी पार्टियों ने कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है। इसमें प. बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव अहम रूप से भूमिका निभाते देखे जा रहे हैं। गौरतलब है कि पर्दे के पीछे चल रहा यह प्रयास अब दिल्ली तक जा पहुंचा है।
इन कोशिशों में महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे और तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन का भी साथ मिल रहा है। बता दें कि इनके दलों की अगुवाई में 10 राज्यों के गैर-भाजपाई और गैर-कांग्रेसी सीएम का समागम बुलाये जाने की तैयारी हैं। जिसका मकसद कांग्रेस और भाजपा के बिना एक नये मोर्चे का तैयार करना है।
इस कड़ी में तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव आगामी 30 मार्च को दिल्ली जाने वाले हैं। इस तरह का उनका एक महीने में दिल्ली के लिए दूसरा दौरा होगा। पिछली बार 1 मार्च को जब राव दिल्ली गये थे तो उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी। वहीं, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, आंध्र प्रदेश के सीएम जगनमोहन रेड्डी और तमिलनाडु के सीएम स्टालिन के बीच भी मुलाकातों का दौर चला।
मुलाकातों के इस सिलसिले के अलावा अब मुबंई या फिर दिल्ली में तीसरे मोर्चे को लेकर एक बैठक होने की खबर सामने आई है। सूत्रों का कहना है कि यह बैठक आने वाले कुछ सप्ताह में होगी। जिसमें 10 राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होंगे। बैठक में भाजपा और कांग्रेस से अलग 2024 के लोकसभा चुनाव में केंद्र में आने की रणनीतियों पर विचार किया जाएगा।
बता दें कि इस मोर्चे से कांग्रेस को अलग इसलिए भी रखा जा रहा है कि बीते पांच राज्यों के चुनाव में भाजपा कांग्रेस के सामने अजेय नजर आई है। ऐसे में तीसरा मौर्चा मानकर चल रहा है कि भाजपा को रोक पाना कांग्रेस के लिए आसान नहीं है। ऐसे में तीसरे मोर्चे की जरुरत है।
तीसरे मोर्चे की क्या है तस्वीर: इस मोर्चे में सबसे अहम किरदार ममता बनर्जी का है। बता दें कि पश्चिम बंगाल में लोकसभा की 42 सीटें हैं। जिसमें अभी 22 टीएमसी, 18 भाजपा और कांग्रेस के पास 2 सीटें हैं। वहीं तमिलनाडु में डीएमके के पास अभी राज्य की 39 सीटों में से 23 सीटें हैं। 8 कांग्रेस और 8 सीटें अन्य के पास हैं।
तेलंगाना की 17 लोकसभा सीटों में 9 टीआरएस, 4 भाजपा, 3 कांग्रेस और एक अन्य के पास है। बता दें कि तेलंगाना सीएम चंद्रशेखर राव अगले चुनाव तक तीसरे मोर्चे को खड़ा करने में अहम किरदार साबित हो रहे हैं।