दो बार भारत के प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह का कल 92 साल की उम्र में निधन हो गया। मनमोहन सिंह को गुरुवार की शाम तबीयत बिगड़ने पर दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था जहां उन्होंने आखिरी सांस ली। इस सबके बीच आइए जानते हैं मनमोहन सिंह के तुरंत बाद प्रधानमंत्री पद संभालने वाले नरेंद्र मोदी के पूर्व पीएम के बारे में क्या विचार थे।
साल 2014 से लेकर मई 2024 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह राजनीतिक विचारधारा और नीति के विभिन्न मुद्दों पर एक-दूसरे के घोर आलोचक रहे हैं। हालांकि, आश्चर्यजनक रूप से फरवरी में राज्यसभा में उनके अंतिम दिन पीएम मोदी ने मनमोहन सिंह को धन्यवाद दिया था।
मनमोहन सिंह पर मोदी का हमला
इससे पहले 2014 में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनने के बाद अपने चुनाव अभियान की शुरुआत करते हुए नरेंद्र मोदी ने मनमोहन सिंह को पहले से ही निशाना बनाना शुरू कर दिया था। अक्टूबर 2012 में एक रैली में, जब वे गुजरात के सीएम थे नरेंद्र मोदी ने उन्हें ‘मौन’ मोहन सिंह कहा था। इसके लगभग एक साल बाद मार्च 2013 में नई दिल्ली में भाजपा राष्ट्रीय परिषद की बैठक में बोलते हुए नरेंद्र मोदी ने मनमोहन सिंह को ‘नाइट वॉचमैन’ कहा था।
ऐसा प्रधानमंत्री देश का नेतृत्व कैसे कर सकता- PM Modi
इसे बाद भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा था कि मनमोहन सिंह को कांग्रेस में नेता के तौर पर स्वीकार नहीं किया गया। उन्होंने कहा था, “अगर आप 100 कांग्रेस कार्यकर्ताओं से पूछें कि उनका नेता कौन है तो कोई भी मनमोहन सिंह जी का नाम नहीं लेगा, भले ही वे प्रधानमंत्री क्यों न हों। ऐसा प्रधानमंत्री देश का नेतृत्व कैसे कर सकता है?”
फरवरी 2017 में, जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री पद से हट चुके थे पीएम मोदी ने राज्यसभा में बोलते हुए, “मनमोहन सिंह के स्वच्छ रिकॉर्ड पर आश्चर्य व्यक्त किया था जबकि उनकी सरकार पर कई भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। उन्होंने कहा, “मनमोहन सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं है वह भी सबसे भ्रष्ट सरकार के दौरान। बाथरूम में रेनकोट पहनकर नहाने की कला डॉ मनमोहन सिंह से सीखी जा सकती है।”
जब मोदी ने मनमोहन के कम बोलने पर साधा था निशाना
वहीं, 10 दिसंबर 2017 को गुजरात चुनावों के बीच में पीएम मोदी ने पूर्व कांग्रेस सांसद मणिशंकर अय्यर के आवास पर हुई एक बैठक के बारे में बात की जिसमें मनमोहन सिंह और एक पूर्व सेना प्रमुख मौजूद थे। जेएस पर मोदी ने कहा था कि कांग्रेस राज्य चुनावों में हस्तक्षेप करने के लिए पाकिस्तान के साथ मिलीभगत कर रही है।
जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए मनमोहन सिंह ने कहा था, “मैं इस बात बहुत दुखी और व्यथित हूं कि एक हारे हुए मामले में राजनीतिक लाभ लेने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा झूठ और अफवाह फैलाई जा रही है। गुजरात में हार के डर से, प्रधानमंत्री की हर प्रकार की गाली देने और हर तिनके का सहारा लेने की हताशा स्पष्ट है।”
Manmohan Singh Education Qualification | Manmohan Singh Family Members
मनमोहन सिंह का पीएम मोदी पर निशाना
लोकसभा चुनाव 2014 से पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मनमोहन सिंह ने कहा था, “नरेंद्र मोदी की खूबियों पर चर्चा किए बिना मैं ईमानदारी से मानता हूं कि उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में देखना देश के लिए विनाशकारी होगा।”
जब उनसे इस टिप्पणी के बारे में पूछा गया तो मनमोहन सिंह ने कहा, “मैंने कहा था कि मोदी प्रधानमंत्री के रूप में एक आपदा होंगे। अब मैं मानता हूं कि मैंने कठोर शब्द का इस्तेमाल किया था जिसका मुझे इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था। मैं इसे दोहराना नहीं चाहता लेकिन वह समय दूर नहीं जब आम जनता को मोदी जी द्वारा लागू की गई सार्वजनिक नीति की प्रभावशीलता या असफलता पर फैसला करने का मौका मिलेगा।”
मनमोहन सिंह करते थे नरेंद्र मोदी की आर्थिक नीतियों की आलोचना
मनमोहन सिंह नरेंद्र मोदी की आर्थिक नीतियों की भी आलोचना करते रहे हैं। नवंबर 2016 में संसद में नोटबंदी पर बहस के दौरान बोलते हुए उन्होंने कहा था कि जिस तरह से योजना को लागू किया गया वह एक बड़ी प्रबंधन विफलता थी और इसे आम लोगों की संगठित और वैधानिक लूट का मामला बताया। एक साल बाद नवंबर 2017 में उन्होंने अहमदाबाद में एक सभा में कहा कि नोटबंदी और जीएसटी अर्थव्यवस्था के लिए दोहरा झटका थे।
अप्रैल 2018 में इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में सिंह ने कठुआ में आठ साल की बच्ची के बलात्कार और हत्या और उन्नाव में भाजपा विधायक द्वारा किशोरी के कथित बलात्कार पर मोदी की चुप्पी की आलोचना करते हुए कहा था कि मोदी को मुझे दी गई अपनी सलाह का पालन करना चाहिए और अधिक बार बोलना चाहिए।
मनमोहन ने पीएम मोदी की भाषा पर उठाया था सवाल
राजस्थान में अपने एक भाषण में मोदी ने राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक में दिग्विजय सिंह के दिसंबर 2006 के भाषण का हवाला देते हुए तर्क दिया कि कांग्रेस सरकार चाहती थी कि देश की संपत्तियों पर मुसलमानों का पहला अधिकार हो और पार्टी के घोषणापत्र में संकेत दिया गया है कि उसके नेतृत्व वाली सरकार हमारी माताओं और बहनों के मंगलसूत्र बेच देगी और धन का वितरण करेगी।
प्रचार अभियान समाप्त होने के बाद, मनमोहन सिंह ने मोदी पर चुनाव प्रचार के दौरान विभाजनकारी और घृणास्पद भाषण देने का आरोप लगाया, जिससे सार्वजनिक विमर्श की गरिमा और उनके पद की गरिमा कम हुई। उन्होंने कहा, “अतीत में किसी भी प्रधानमंत्री ने समाज के एक विशिष्ट वर्ग या विपक्ष को निशाना बनाने के लिए इतने घृणित, असंसदीय और असभ्य शब्दों का प्रयोग नहीं किया है।” Manmohan Singh Death News Update