जद (यू) के पूर्व महासचिव और भारतीय विदेश सेवा के पूर्व अधिकारी पवन वर्मा मंगलवार को नई दिल्ली में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने उन्हें पार्टी में शामिल करते हुए खुशी जताई। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी इन दिनों दिल्ली के दौरे पर हैं। इस दौरान उनकी पार्टी में कई और नेताओं के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।
जद (यू) के पूर्व सांसद पवन वर्मा ने कहा कि विपक्ष को मजबूत करने के लिए ऐसा कदम उठाना समय की जरूरत है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “आज की राजनीतिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इस बारे में अब सभी को सोचना होगा।” पिछले साल जद (यू) से प्रशांत किशोर के साथ पवन वर्मा को निष्कासित कर दिया गया था, जब दोनों ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर अपने गठबंधन सहयोगी भाजपा पर हमले तेज कर दिए थे।
ट्विटर पर घोषणा करते हुए, तृणमूल कांग्रेस ने कहा, “हम श्री @PavanK_Varma का हमारे तृणमूल कांग्रेस परिवार में स्वागत करने के लिए उत्साहित हैं। उनका समृद्ध राजनीतिक अनुभव हमें भारत के लोगों की सेवा करने और इस देश को और भी बेहतर दिनों तक ले जाने में मदद करेगा!”
2020 में बर्खास्त किए जाने के फौरन बाद वर्मा ने पार्टी प्रमुख नीतीश कुमार को धन्यवाद देते हुए ट्वीट में कहा था, “आपको और आपकीे नीतियों का बचाव करने की मेरी लगातार अस्थिर स्थिति से मुक्त करने के लिए नीतीश कुमार जी को धन्यवाद। मैं किसी भी कीमत पर बिहार के सीएम बनने की आपकी महत्वाकांक्षा के लिए आपके अच्छे होने की कामना करता हूं।”
उधर, कांग्रेस नेता कीर्ति आजाद के भी तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता लेने की बात कही जा रही है। कांग्रेस में कीर्ति आजाद लंबे समय से उपेक्षित महसूस कर रहे थे। दरअसल उन्हें दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की भी चर्चा थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ऐसे में अब खबर है कि पूर्व सांसद और कांग्रेसी नेता कीर्ति आजाद टीएमसी में शामिल होने जा रहे हैं।
भारत की 1983 क्रिकेट विश्व कप विजेता टीम के सदस्य रहे कीर्ति आजाद कांग्रेस से पहले भाजपा में थे। हालांकि, दिल्ली क्रिकेट संघ में कथित भ्रष्टाचार को लेकर तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को खुलेआम निशाना बनाने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था।
कांग्रेस नेता और प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि श्री आजाद के पार्टी से बाहर जाने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। कहा “जो संघर्ष नहीं करना चाहते हैं वे कांग्रेस छोड़कर अन्य दलों में शामिल हो रहे हैं। जो लोग देश के लिए संघर्ष करना चाहते हैं वे कांग्रेस के साथ हैं।”