राज्य सभा में इस साल करीब 72 सदस्य रिटायर होने वाले हैं। इन्हीं सांसदों में बहुजन समाज पार्टी के वरिष्ठ नेता सतीश चंद्र मिश्रा का नाम शामिल है। इस मौके पर उन्होंने राज्यसभा में अपने 18 सालों का पूरा सफर बताया कि कैसे उन्होंने आखिरी पंक्ति से पहली पंक्ति का सफर तय किया है।
राज्यसभा से काफी कुछ सिखा: सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने राज्यसभा में अपने संबोधन में कहा कि 18 साल पहले 52 वर्ष की उम्र में मैं यहां आया था आज 70 साल का हो चुका हूं। राज्यसभा के कार्यकाल के दौरान और इससे पहले के जीवन में काफी अंतर था। मैं वकालत के पेशे में काफी व्यस्त था। मैंने उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के अध्यक्ष का पद भी संभाला। जब मैं यहां पर आया तो यह मेरे लिए बिल्कुल एक नयी शुरुआत थी।
वकालत में मेरा कद काफी ऊंचा था। हमेशा आगे की पंक्ति में बैठा करते थे। जब यहां आए तो आखिरी पंक्ति से सफर शुरू किया। धीरे- धीरे आगे की पंक्ति में पहुंचे और लंबे समय तक इस पंक्ति में बैठने का मौका मिला है। इस दौरान मुझे सभी से काफी कुछ सिखने को मिला।
बसपा का बताया सफर: सांसद ने बताया कि 2004 में जब मैं आया था तब हमारी पार्टी के 4 सांसद थे हमारी पार्टी प्रमुख मायावती भी उस समय संसद में मौजूद थी। एक समय हमारी संख्या 15 तक पहुंच गयी थी लेकिन समय में बदलाव हमारी संख्या कम हो गई।
यूपी में बड़ा ब्राह्मण चेहरा: सतीश चंद्र मिश्रा ने 2007 में उत्तर प्रदेश में मायावती की सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। इस दौरान उन्हें मायावती सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया था। बसपा में उनकी हैसियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बसपा में वह मायावती दाहिने हाथ माने जाते हैं। कहा यह भी जाता है कि मायावती सभी बड़े राजनीतिक फैसले लेने में उनकी राय जरुर लेती हैं।
फेयरवेल पार्टी की दी गई: राज्यसभा के रिटायर होने वाले सभी सदस्यों को उपराष्ट्रपति के आवास पर फेयरवेल पार्टी की दी गई। इस दौरान फेयरवेल पार्टी सरकार के साथ- साथ विपक्ष के भी कई बड़े नेता शामिल हए।
