आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और जाने-माने वकील प्रशांत भूषण ने ट्वीट कर नरेंद्र मोदी सरकार पर तंज किया है। उन्होंने एक कार्टून ट्वीट किया जिसमें सरकार द्वारा किए गए पुराने वादों को याद दिलाया गया था। प्रशांत भूषण ने कार्टून के साथ लिखा कि फेकू का जुमला पाइपलाइन।

प्रशांत भूषण के ट्वीट पर यूजर्स तरह-तरह के कमेंट्स करने लगे विक्की गुलाटी (@vickyrgulati) नाम के यूजर ने लिखा कि नाले की गैस से लेकर मौद्रीकरण पाइपलाइन तक देश की अधिकांश जनसंख्या को मज़दूर की श्रेणी में लाने का अर्थशास्त्र। जिसमे जीने के अधिकार के नाम पर 5 किलो अनाज और किसी किसी को 16 रुपये प्रतिदिन अगले 3 वर्ष तक। भारत विकासशील से गरीब देश की श्रेणी में आ गया धन्यवाद मोदी जी। संजीव सिन्हा नाम के एक यूजर (@SanjeevSinha_) ने प्रशांत भूषण पर हमला करते हुए लिखा कि जब जुमले पर पब्लिक को ऐतबार है तो कितने भी अशांत प्रदूषण छाती पीटें, क्या फर्क पड़ता है।

बताते चलें कि प्रशांत भूषण लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने एक और कार्टून शेयर किया था। उस कार्टून को कार्टूनिस्ट आलोक द्वारा बनाया गया था। कार्टून में प्रधानमंत्री पर तंज कसा गया था।आलोक ने अपने कार्टून में प्रधानमंत्री द्वारा देश के विभाजन के दर्द से गुज़रने वाले लोगों की याद में 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ मनाए जाने की बात पर तंज किया था। इसमें लिखा गया कि क्या अभी का “दहशत” कम है? जाने माने वकील प्रशांत भूषण कार्टूनिस्ट आलोक के ट्वीट को रीट्वीट किया था।

प्रशांत भूषण के ट्वीट के जवाब में सरदार खान नाम के एक यूजर (@vaseypur) ने लिखा था कि यही क्या कम है की मुगल दौर से भारत की बाटवारे तक आ गए। धीरे धीरे वर्तमान मे भी आ जायेंगे ये भूत काल मे रहने वाले। तब तक अपने वर्तमान मे मेहंगाइ, बेरोजगारी, स्वास्थ, शिक्षा जैसी समस्याओं का निवारण स्वयं करें। एक अन्य यूजर (trilokeshwar.shonku)ने लिखा कि एक “नोट बंदी हॉरर” दिवस भी होना चाहिए। है के नहीं?