नौ दिसंबर 2021 को भारत ने एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) से 2645 करोड़ रुपए का नया कर्ज लिया। जानकारों के मुताबिक, सरकार इस साल 12 लाख करोड़ रुपए तक कर्ज लेने की योजना बना रही है। नए कर्ज के साथ वर्ष 2021 में देश के हर आदमी पर विदेशी कर्ज बढ़कर 32 हजार रुपए हो गया है। प्रति व्यक्ति कर्ज का दबाव बढ़ गया है।
भारत पर 43.32 लाख करोड़ रुपए का विदेशी कर्ज है। विदेशी कर्ज के धन को सरकार ब्याज चुकाने, केंद्रीय योजना में, राजस्व के लिए बाजार में, वित्त आयोग को अनुदान के लिए, बजट में, सब्सिडी के लिए खर्च करती है। वर्ष 2014 से अब तक केंद्र सरकार ने विदेश से कुल 10 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लिया है, जबकि 2006 से 2013 तक 7 साल में पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह सरकार ने करीब 21 लाख करोड़ रुपए विदेशी कर्ज लिया था। वर्ष 2006 में देश पर विदेशी कर्ज 10 लाख करोड़ था, जो 2013 में बढ़कर 31 लाख करोड़ हुआ। वर्ष 2014 से 2021 तक 33 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 43 लाख करोड़ का कर्ज हुआ।
वित्त मंत्रालय ने विदेशी कर्ज के बारे में सितंबर 2021 को एक रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल विदेशी कर्ज देश पर 43.32 लाख करोड़ रुपए है। देश की जनसंख्या 130 करोड़ मानकर सरकार ने बताया कि हर व्यक्ति पर कर्ज करीब 32 हजार रुपए है। वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2020 में भारत पर कुल कर्ज (बाहरी, अंदरूनी, दूसरे माध्यमों से) 147 लाख करोड़ रुपए था। इसमें विदेशी कर्ज 43 लाख करोड़ रुपए है। 2020 में जीडीपी का 20.6 फीसद विदेशी कर्ज देश पर था। ज्यादातर देशों पर जो कुल कर्ज है, वह उनकी जीडीपी की तुलना में 40-50 फीसद है, भारत पर यह 75-80 फीसद है। पाकिस्तान की बात करें तो वहां अमेरिका, जापान, ब्राजील समेत दुनिया के पांच देश ऐसे हैं, जिसपर जीडीपी की तुलना में भारत से ज्यादा कर्ज है।
अमेरिका दुनिया का सबसे ताकतवर और अमीर देश माना जाता है, लेकिन कर्ज के आंकड़ों को देखें तो अमेरिका में जीडीपी की तुलना में कर्ज सबसे ज्यादा है। बीते साल अमेरिका का जीडीपी 21.44 ट्रिलियन डालर का था, लेकिन अमेरिका पर कर्ज 27 ट्रिलियन डालर का था। अमेरिका के कुल 32 करोड़ आबादी पर इस कर्ज को बांट दिया जाए तो करीब 17 लाख रुपए (23500 डालर) हर व्यक्ति पर यह कर्ज
होता है।
अमेरिका पर 2019 से 2021 तक कर्ज बढ़ने के कई वजह हैं। एक तो विकसित देश कर्ज बाजार में पैसा लगाकर राजस्व कमाने के लिए करते हैं, लेकिन सरकार पर बेरोजगारी बढ़ने, ब्याज दर में कटौती आदि की वजह से भी कर्ज बढ़ते हैं। ब्याज दर में कटौती से अमेरिका में महंगाई बढ़ी। सरकार ने खर्च पर रोक न लगाकर कर्ज लेकर उसकी भरपाई की। कारपोरेट टैक्स 2019 में 35 फीसद से घटाकर 21 फीसद कर दिया गया। साथ ही दुनिया में ताकतवर कहलाने के लिए भी अमेरिका ने बीते दशक में काफी पैसा खर्च किया है।
किस देश पर कितना कर्ज
जापान में सबसे ज्यादा जीडीपी की तुलना में कुल कर्ज 254 फीसद है। दूसरे नंबर पर अमेरिका है जहां देश के कुल जीडीपी का 133 फीसद कर्ज है। फ्रांस 115 फीसद के साथ इस मामले में तीसरे नंबर है। ब्रिटेन में कुल जीडीपी के कर्ज मामले में 104 फीसद के साथ चौथे नंबर पर है। ब्राजील पांचवे नंबर है और यहां 98 फीसद कर्ज है। वहीं, भारत 89 फीसद के साथ छठे नंबर पर है। पड़ोसी देश चीन में कुल जीडीपी का 61.7 फीसद कर्ज है।