प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 20 लाख करोड़ के पैकेज के ऐलान पर आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सूक्ष्म और लघु और मझोले उद्योगों को लेकर कई घोषणाएं कीं। वित्त मंत्री ने सरकार की तरफ से 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज में से 6 लाख करोड़ रुपये तक की घोषणा की। सीतारमण ने एमएसएमई को 3 लाख करोड़ का बिना गारंटी का लोन देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से 45 लाख सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योगों को फायदा होगा। निर्मला सीतारमण ने एमएसएमई को एक साल तक किश्त चुकाने से राहत देने की घोषणा की गई है। एमएसएमई के लिए 6 कदम उठाए गए हैं। इस लोन की अवधि चार साल तक है। 2500 करोड़ तक के लोन वाली एमएसएमई को फायदा होगा।
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वित्त मंत्री की तरफ से बिजली वितरण कंपनियों को 90 हजार करोड़ रुपये के मदद की घोषणा भी की गई। इस पर केंद्रीय मंत्री आर. के. सिंह ने कहा कि आज जो भारत सरकार ने पावर सेक्टर के लिए पैकेज की घोषणा की है वो बहुत राहत पहुंचाएगा। लॉकडाउन के चलते पावर सेक्टर प्रेशर में था। कंपनियों के कलेक्शन घटकर 10-15% हो गए थे। उनकी ऐसी स्थिति नहीं थी कि वो जनरेशन कंपनियों को भुगतान कर सकें। वहीं वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने 15 हजार से कम सैलरी वालों को सहायता देने का फैसला किया है। सरकार ऐसे लोगों की सैलरी कै 24 फीसदी पीएफ खातों में जमा करेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने 15 हजार से कम सैलरी वालों को सहायता देने का फैसला किया है। सरकार ऐसे लोगों की सैलरी का 24 फीसदी पीएफ खातों में जमा करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि सरकार द्वारा कोरोना वायरस से प्रभावित अर्थव्यवस्था को ताकत देने के लिए बुधवार को घोषित आर्थिक पैकेज से नकदी का प्रवाह बढ़ेगा, उद्यमियों को सशक्त किया जा सकेगा और उनकी प्रतिस्पर्धी क्षमता को मजबूत किया जा सकेगा। उन्होंने ट्वीट किया कि इस पैकेज से कारोबार करने वालों विशेषरूप से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को मदद मिलेगी। मोदी ने बुधवार को ट्विटर पर लिखा,‘‘सरकार द्वारा घोषित कदमों से नकदी बढ़ेगी, उद्यमियों को सशक्त किया जा सकेगा और उनकी प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाई जा सकेगी।’’
वित्त मंत्री ने कहा कि ठेकेदारों के स्तर पर नकदी की तंगी को दूर करने के लिये सरकारी एजेंसिया उनकी आंशिक बैंक गारंटी को जारी कर सकती है। ठेकेदारों का जितना कार्य पूरा हुआ है उसके अनुरूप उनकी बैंक गारंटी को मुक्त किया जा सकता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अर्थव्यवस्था का चक्र घुमाने के लिये बिजली वितरण कंपनियों का संकट दूर किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि बिजली वितरण कंपनियों को उनकी होने वाली लेनदारी के एवज में दो समान किस्तों में नकदी उपलब्ध कराई जायेगी। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों पावर फाइनेंस कारपोर्रेशन (पीएफसी) और ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) के जरिये यह राशि उपलब्ध कराई जायेगी। इससे वितरण कंपनियां, बिजली उत्पादन और पारेषण कंपनियों को उनके बकाये का भुगतान कर सकेंगी। विद्युत उत्पादन और पारेषण कंपनियां वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को कुछ छूट भी देंगी जिसका लाभ उन्हें ग्राहकों को भी देना होगा।
केंद्रीय मंत्री आर. के. सिंह ने कहा कि आज जो भारत सरकार ने पावर सेक्टर के लिए पैकेज की घोषणा की है वो बहुत राहत पहुंचाएगा। लॉकडाउन के चलते पावर सेक्टर प्रेशर में था। कंपनियों के कलेक्शन घटकर 10-15% हो गए थे। उनकी ऐसी स्थिति नहीं थी कि वो जनरेशन कंपनियों को भुगतान कर सकें।
वित्त मंत्री ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी), आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) और सूक्ष्म राशि के ऋण देने वाले संस्थानों (एमएफआई) के लिये मुश्किल के इस दौर में 30,000 करोड़ रुपये के विशेष नकदी योजना की भी घोषणा की। इसके अलावा निम्न साख रखने वाले एनबीएफसी, आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) और सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एमएफआई) के लिये 45,000 करोड़ रुपये की आंशिक ऋण गारंटी (पार्शियल क्रेडिट गारंटी) योजना 2.0 की भी घोषणा की। इस पहल का मकसद है कि ये कंपनियां व्यक्तियों तथा एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) क्षेत्र की इकाइयों को अधिक कर्ज दे सकें।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को सड़कों, रेलवे परियोजनाओं और अन्य कार्यों के ठेकेदारों को उनके दायित्वों को पूरा करने की समयसीमा में छह माह तक के विस्तार की घोषणा की। रियल एस्टेट परियोजनाओं के मामले में भी उनके पंजीकरण से लेकर कार्य पूर्ण होने की तय समय सीमा को छह माह के लिये बढ़ा दिया गया है। इस संबंध में केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय राज्यों के नियामकीय प्राधिकरणों को जरूरी सुझाव और परामर्श भेजेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एमएसएमई्र के लिये ‘फंड ऑफ फंड’ गठित किया जा रहा है, इसके जिरये वृद्धि की क्षमता रखने वाले एमएसएमई में 50,000 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी डाली जाएगी। इसके साथ एमएसएमई की परिभाषा बदली गयी है। इसके तहत अब एक करोड़ रुपये तक के निवेश वाली इकाइयां सूक्ष्म इकाई कहलाएगी। अबतक यह सीमा 25 लाख रुपये थी।
वित्त मंत्री ने पीएम मोदी द्वारा मंगलवार को घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज का ब्योरा देते हुए संवाददाताओं को बताया कि इस स्वचालित कर्ज सुविधा से 45 लाख इकाइयों को लाभ होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये जारी ‘लॉकडाउन’ के आर्थिक प्रभाव से निपटने के लिये 20 लाख करोड़ रुपये के प्रेत्साहन पैकेज की घोषणा की थी। वित्त मंत्री ने कहा कि यह कर्ज चार साल के लिये दिया जाएगा और 12 महीने तक किस्त से राहत दी जाएगी।
वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि बिजली वितरण कंपनियों की आय में भारी कमी के चलते 90000 करोड़ रुपए का प्रावधान टिस्कोम्स और बिजली वितरण कंपनियों के लिए किया गया है। ये पैसा पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन और रुरल इलेक्ट्रीफिकेशन कॉर्पोरेशन के माध्यम से दिया जाएगा।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पैकेज को जीरो बताया है। ममता ने कहा कि इस पैकेज की घोषणा से लोगों को राहत मिलने की उम्मीद थी... लेकिन यह बड़ा ज़ीरो है। उन्होंने कहा कि इसमें राज्यों के लिए कुछ भी नहीं है।
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की जो घोषणा की है उस क्रम में MSME's को जो राहत दी गई है उसके लिए मैं आदरणीय प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।
सरकार ने बुधवार को आकलन वर्ष 2020- 21 के दौरान आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 कर दिया । इसके साथ ही कर विवादों के निपटान के लिये लाई गई ‘विवाद से विश्वास योजना’ का लाभ भी बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एमएसएमई को दिये जाने पर कर्ज को लौटाने के लिये एक साल की मोहलत दी जाएगी। इसके अतिरिक्त दबाव वाले एमसएएमई को 20,000 करोड़ रुपये का (बिना गारंटी के) कर्ज दिया जाएगा, इससे 2 लाख एमएसएमई लाभान्वित होंगे।
वित्त मंत्री ने सरकार की तरफ से 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज में से 6 लाख करोड़ रुपये तक की घोषणा की।
3 लाख 70 करोड़ पैकेज- एमएसएमई
90 हजार करोड़ का बिजली कंपनियों को बेलआउट
टीडीएस में 25 फीसदी की कमी
15 हजार से कम सैलरी वालों के ईपीएफ में सरकार के योगदान को लेकर तीन महीने की बढ़ोतरी
वित्त मंत्री ने आयकर रिटर्न की तारीख को बढ़ाकर 30 नवंबर करने की घोषणा की है। इसके अलावा टीडीएस और टीसीएस की दरों में भी 25 फीसदी कटौती की गई है।
वित्त मंत्री ने कहा कि ट्रस्ट और एलएलपी को तुरंत आयकर रिफंड करने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा पेंडिंग रिफंड चाहे वह पार्टनरशिप, एलएलसी व अन्य को भी जल्द जारी कर दिए जाएंगे। आयकर रिटर्न की ड्यू डेट बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 कर दिया गया है। टैक्स ऑडिट 30 सिंतबर 2020 से 31 अक्टूबर 2020 कर दिया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने अब एमएसएमई की परिभाषा बदल है। इसमें निवेश की सीमा और टर्नओवर में बदलाव किया गया है।
वित्त मंत्री ने राज्य बिजली वितरण कंपनियों को 90 हजार करोड़ रुपये की नकदी की घोषणा की। वित्त मंत्री ने कहा कि बिजली कंपनियां नकदी के संकट से जूझ रही हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए सरकार की तरफ से 30 हजार करोड़ रुपये की विशेष स्कीम पेश की गई है। इससे एनबीएफसी को अतिरिक्त लिक्विडिटी मिलेगी। इससे हाउसिंग क्षेत्र को बल मिलेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि अगले तीन महीने के लिए ईपीएफ में नियोक्ता की हिस्सेदारी 12 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी की जा रही है। इससे कर्मचारियों के हाथों में अधिक पैसा आएगा। सरकार ने कहा कि इससे कर्मचारी और नियोक्ता दोनों को फायदा मिलेगा। इससे 6750 करोड़ रुपये का लिक्विडी सपोर्ट मिलेगा। पीएसयू और अन्य सरकारी उपक्रमों में यह 12 फीसदी बरकरार रहेगा।
सरकार की तरफ से 15 हजार से कम वेतन वाले कर्मचारियों की सैलरी का 24 फीसदी हिस्सा ईपीएफ में जमा किया जाएगा। इस ईपीएफ योगदान को जून, जुलाई और अगस्त तक के लिए बढ़ाया गया है। इससे पहले सरकार ने अप्रैल और मई का हिस्सा जमा करने की घोषणा की थी।
वित्त मंत्री ने कहा कि अब 200 करोड़ रुपये तक टेंडर ग्लोबल नहीं होगा। इसके अलावा एमएसएमई को ई-मार्केट से जोड़ा जाएगा। 45 दिन के भीतर एमएसएमई के बकाया का भुगतान होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि मौजूदा दौर में एमएसएमई के लिए ट्रेड फेयर संभव नहीं है।
बेहतर करने वाले MSME के आकार को बढ़ाने के लिए फंड के अंदर 10 हजार करोड़ रुपये के फंड का प्रावधान किया है। इससे बेहतर करने वाले उद्योगों को अपनी क्षमता बढ़ाने का मौका मिलेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने 15 हजार से कम सैलरी वालों को सहायता देने का फैसला किया है। सरकार ऐसे लोगों की सैलरी कै 24 फीसदी पीएफ खातों में जमा करेगी।
एमएसएमई के लिए 6 कदम उठाए गए हैं। इस लोन की अवधि चार साल तक है। 2500 करोड़ तक के लोन वाली एमएसएमई को फायदा होगा।
वित्त मंत्री ने एमएसएमई को 3 लाख करोड़ का बिना गारंटी का लोन देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से 45 लाख सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योगों को फायदा होगा। निर्मला सीतारमण ने एमएसएमई को एक साल तक किश्त चुकाने से राहत देने की घोषणा की गई है।
वित्त मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान रिजर्व बैंक ने लिक्विडिटी बनाए रखी। आयकर रिफंड के जरिये नकदी बनाई रखी गई। वित्त मंत्री ने कहा अब से रोजाना लोगों को आर्थिक पैकेज की विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
सरकार बड़े सुधार जारी रखेगी। लॉकडाउन के कुछ दिन बाद ही गरीब कल्याण योजना की घोषणा की गई थी। 69 करोड़ बैंक खातों में पैसा डाला गया। लोगों को गेहूं और चावल का वितरण किया गया। इसमें कार्डधारकों के साथ ही बिना कार्ड धारकों को भी अनाज का वितरण किया गया।
आज के संकट के समय में आत्मनिर्भर भारत में आप सबको जोड़ने आए हैं। पीएम मोदी बड़े निर्णय के लिए जाने जाते हैं। पिछले 6 सालों में मजबूत सुधार हुए हैं।
पीएम का संबोधन में स्पष्ट तौर पर आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए संकल्प लिया है। एक सोच ने देशवासियों में नई ऊर्जा भर दी है। आज लोग आत्मनिर्भर भारत बनाने के संकल्प में जुड़ने जा रहे हैं। भारत आज संकट में अवसर देख रहा है। आज दुनिया के मुकाबले भारत ने इस लड़ाई में अच्छे कदम उठाए।
स्थानीय ब्रांड्स को दुनिया में पहचान दिलाना है। देश में तमाम फार्मा कंपनियों का उत्पादन बढ़ा है। सुधारों के जरिये भारत का निर्माण हो रहा है। हम लोगों के खातों में डीबीटी के जरिये सीधी मदद पहुंचा रहे हैं।
लंबी चर्चा के बाद आर्थिक पैकेज पर फैसला लिया गया। प्रधानमंत्री ने देश के सामने विजन रखा। आत्मनिर्भर भारत अभियान की बात कही गई। पीएम ने अपने भाषण में अर्थव्यवस्था के पांच स्तंभों का जिक्र किया।
कोरोना महामारी से लड़ने के लिए भारत सरकार का 20 लाख करोड़ रुपये का राहत पैकेज दुनिया के सबसे बड़े पैकेज में से एक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार शाम आठ बजे कहा कि अब तक वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक की ओर से घोषित किए जा चुके पैकेज को मिलाकर सरकार कुल 20 लाख करोड़ रुपये का राहत पैकेज दे रही है। यह देश की जीडीपी के 10 फीसदी के बराबर का राहत पैकेज है।
निर्मला सीतारमण की प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले कांग्रेस ने कहा कि उम्मीद है कि यह पैकेज भाजपा की पहले की कई बड़ी घोषणाओं और वादाखिलाफी की तरह नहीं होगा। पार्टी प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने यह भी कहा कि सभी जनधन खातों में 7500 रुपये डाले जाने के बाद जनता को सरकार की घोषणा पर विश्वास होगा।
कुछ ही देर में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए वो राहत पैकेज की बारीकियां बताएंगी। वह यह भी बताएंगी कि 20 लाख करोड़ का इस्तेमाल किन-किन क्षेत्रों में की जाएगा और इन्हें कितनी राशि दी जाएगी। इस राशि का इस्तेमाल कैसे किया जाएगा। कोरोना संकट के चलते देश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। जिसके लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी।