कल यानी 17 सितंबर को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है। उनका जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के वडनगर में हुआ था। जन्मदिन विशेष में हम पेश कर रहे हैं 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से अब तक मोदी सरकार के पांच बड़े फैसले, जिन फैसलों के बाद भारत की राजनीति में बड़े फेरबदल हुए। नोटबंदी और जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाना कुछ बड़े फैसलों में गिना जाता है। 

2014 से अब तक मोदी सरकार के 5 बड़े फैसले 

साल 2014 के आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को जनादेश मिलने के बाद नरेंद्र मोदी ने पहली बार 26 मई 2014 को भारत के प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्हें 2019 में दूसरे कार्यकाल के लिए फिर से चुना गया। पिछले 9 सालों से पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार ने कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। 

1.नोटबंदी 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का बड़ा और ऐतिहासिक फैसला नोटबंदी को कहा जाता है। प्रधान मंत्री ने 8 नवंबर, 2016 को 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोटों को वापस लेने की घोषणा की थी जिसके बाद देशभर में हलचल मच गई और बड़े पैमाने पर चर्चा देखी गई। पीएम मोदी ने अचानक उठाए गए इस कदम के तीन मकसद बताए थे। जिनमें पहला-काले धन से निपटना दूसरा- भ्रष्टाचार से लड़ना और तीसरा- आतंकी फंडिंग को रोकना था।  

3. जीएसटी

सितंबर 2016 में संसद द्वारा संवैधानिक संशोधन अधिनियम पारित करने के बाद जीएसटी अमल में आया, जिसके बाद राज्य विधानमंडलों ने जीएसटी को 1 जुलाई 2017 से लागू किया था। इस फैसले के बाद विपक्ष ने सरकार पर काफी हमले किए जबकि सरकार का कहना है कि इससे देश की आर्थिक स्थिति को काफी मजबूती मिली है। 

3. तीन तलाक

1 अगस्त, 2019 को सरकार ने विपक्ष के विरोध के बावजूद तीन तलाक बिल पारित कर दिया। सरकार का कहना रहा है कि  इस फैसले से उन मुस्लिम महिलाओं को बड़ी राहत मिली, जिन्हें उनके पतियों ने तीन बार तलाक कहकर रिश्ता खत्म करने के लिए मजबूर किया था।

4.अनुच्छेद 370 को हटाना

सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 और 35 (ए) को रद्द कर दिया। सरकार ने इसके बाद पूर्ववर्ती राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया। पीएम मोदी के मुताबिक ऐतिहासिक फैसले के बाद से क्षेत्र में अभूतपूर्व शांति बहाल हुई है। हालांकि कई राजनीतिक दलों ने इस फैसले का विरोध किया और कई नेताओं को नजरबंद कर दिया गया। दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में महीनों तक इंटरनेट बंद रहा।

5.अग्निपथ योजना 


अग्निपथ योजना सशस्त्र बलों की तीन सेवाओं में कमीशन अधिकारियों के पद से नीचे के सैनिकों की भर्ती के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना थी। इस योजना का देशभर में जमकर विरोध प्रदर्शन किया था।  वहीं अग्निपथ योजना की वैधता को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती भी दी गई थी, जिसे कोर्ट ने बाद में खारिज कर दिया था।  इस योजना की घोषणा 16 जून 2022 को की गई थी। इस योजना के तहत सेना में शामिल होने वाले जवानों को ‘अग्निवीर’ के नाम से जाना जाता है।