देश के बड़ी हस्तियों ने दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्रों और शिक्षकों पर हमले की सोमवार को निंदा की है। इस पर निंदा करते हुए उन लोगों ने कहा कि यह ‘कायराना हरकत’ इस बात की गवाही देती है कि सत्ता में बैठे लोग छात्र प्रदर्शनों से भयभीत हैं। प्रसिद्ध फिल्मकार अपर्णा सेन ने अपराधियों को न्याय के दायरे में लाने की मांग करते हुए आश्चर्य जताया कि क्या देश ‘गुंडा राज’ में बदल गया है। बता दें कि जेएनयू हिंसा पर देश के अलग अलग कोने से विरोध और निंदा की खबरें आ रही हैं। देश के कई विश्वविद्यालय और कॉलेज भी हिंसा के खिलाफ आवाज बुलंद किए हैं।
अपर्णा सेन ने ट्वीट कर हिंसा की निंदा कीः मामले में अपर्णा सेन ने एक ट्वीट में कहा ,‘जेएनयू के छात्रों को एबीवीपी के गुंडों द्वारा पीटा जा रहा है। टीवी पर सीधा प्रसारण! आप कब तक आंख मूंदें बैठे रहेंगे? या आप रीढ़ विहीन है ? हां मैं एक उदारवादी हूं! हां, मैं एक धर्मनिरपेक्ष हूं और अगर यही विकल्प है तो ऐसा होने पर मुझे गर्व है।’
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देश बन गया है ‘गुंडा राज’: जेएनयू हिंसा पर बोलते हुए अपर्णा सेन ने अगले ट्वीट में कहा,‘अच्छा, तो ये नकाबपोश गुंडे कौन हैं? कथित तौर पर एबीवीपी? कथित रूप से आरएसएस सर्मिथत हैं? भले ही हम कह रहे हैं पर हम नहीं जानते हैं, तो सवाल अब भी बना हुआ है, हमारे विश्वविद्यालयों पर कैसे हमले हो सकते हैं? दिल्ली पुलिस क्या कर रही है? हमारे देश में क्या हो रहा है? क्या यह ‘गुंडा राज’ बन गया है? बता दें कि लेखक शीर्षेन्दु मुखोपाध्याय ने भी इस घटना की निंदा की और कहा कि छात्रों पर बर्बर हमले अस्वीकार्य हैं।
सत्ता वाले छात्र विरोध से डरते हैं- सेनः फिल्मकार अपर्णा सेन ने आगे ट्वीट में कहा, ‘ऐसी उम्मीद की जाती है कि छात्र समुदाय विरोध करेगा। लेकिन सत्ता में बैठे लोगों द्वारा सर्मिथत छात्रों के एक समूह का इस तरह का कृत्य अस्वीकार्य हैं। छात्रों को विरोध करने का पूरा अधिकार है।’वहीं अभिनेता कौशिक सेन ने कहा कि जेएनयू हमला इस बात का सबूत है कि जो लोग सत्ता में हैं वे छात्र विरोध से डरते हैं।
केंद्र सरकार एक के बाद एक कर रहा है गलती- सेनः मामले में सेन ने कहा, ‘छात्रों पर बार-बार हो रहे हमलों से पता चलता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस तरह के विरोध प्रदर्शनों से डरे हुए हैं। छात्रों को सवाल करने का और विरोध करने का पूरा अधिकार है।’ जामिया मिल्लिया से लेकर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय तथा जेएनयू तक केंद्र एक के बाद एक गलती कर रहा है। कवि जॉय गोस्वामी ने कहा कि वह छात्रों पर हिंसा से दुखी हैं, लेकिन इस तरह के हमले उन्हें ‘अन्याय’ के खिलाफ लड़ाई जारी रखने से नहीं रोकेंगे।